Cabinet-CCEA Meeting: सरकार ने बढ़ा दीं इथेनॉल की कीमतें, 20% तक मिक्सिंग का लक्ष्य, गन्ना किसानों को भी मिलेंगे ये फायदे
Ethanol Price Hike: पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट-सीसीईए की बैठक में ग्रीन फ्यूल इथेनॉल की कीमतों में 2.75 तक बढ़त को मंजूरी दी है. वहीं इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया है.

Ethanol Blending in Petrol: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCAE) ने ग्रीन फ्यूल इथेनॉल की कीमतों में 2.75 तक बढ़त को मंजूरी दे दी है. सरकार ने गन्ना आधारित इथेनॉल और हैवी मोलासेस के नये दाम भी जारी कर दिये है. इस फैसले के बाद चीनी कंपनियों से इथेनॉल खरीदने वाली तेल कंपनियां अब से नई दरों पर इथेनॉल खरीदेंगी. इसी के साथ-साथ डिस्टिलरीज से खरीदे जाने वाले इथेनॉल की लागत भी बढ़ा दी गई है, जिसे सार्वजनिक क्षेत्र के तेल विपणण कंपनियां (OMC) खरीदती है. कैबिनेट-सीसीईए की बैठक में डीजल-पैट्रोल में भी 20% तक इथेनॉल के सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है.
यहां देखें इथेनॉल-हैवी मोलासेस की नई कीमतें
पीआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी चीनी मौसम 2022-23 में ईबीपी कार्यक्रम के तहत गन्ने की अलग-अलग किस्मों पर आधारित कच्चे माल से प्राप्त उच्च इथेनॉल की नई कीमतों का मंजूरी मिल चुकी है. पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली इस बैठक ने इथेनॉल और हैवी मोलासेस (Ethanol and Heavy Molasses Price Hike) के दाम बढ़ाने के साथ-साथ जीएसटी और परिवहन शुल्क भी लगाया है.
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इथेनॉल |
पुराने दाम (प्रति लीटर) |
नई कीमत (प्रति लीटर) |
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C हैवी मौलेसेस रूट |
46.66 रुपये |
49.41 रुपये |
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B हैवी मौलेसेस रूट |
59.08 रुपये |
60.73 रुपये |
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गन्ने के रस/चीनी/चीनी के सीरप रूट |
63.45 रुपये |
65.61 रुपये |
Govt under leadership of #PMModi Ji has taken further steps today towards achieving India’s 20% ethanol blending target which was advanced by 5 years from 2030 to 2025.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) November 2, 2022
Today’s #CabinetDecision will ensure higher prices to our sugarcane farmers & the sugar industry. pic.twitter.com/FNGEmqpruX
इथेनॉल का 20 प्रतिशत सम्मिश्रण
जाहिर है कि भारत में ग्रीन फ्यूल इथेनॉल का इस्तेमाल पैट्रोल और डीजल में सम्मिश्रण के तौर पर किया जाता है. इससे कच्चे तेल का आयात कम करने में खास मदद मिल रही है. बता दें कि सरकार ने नवंबर 2022 तक डीजल-पैट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण (Ethanol Blending) का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन ये लक्ष्य समय से पहले ही जून, 2022 में हासिल कर लिया गया था. अब अच्छी खबर ये है कि सरकार ने प्रदूषण के साथ-साथ तेल का आयात कम करने के लिए 20 फीसदी सम्मिश्रण का नया लक्ष्य रखा है. इस फैसले से भारत का कच्चे तेल का आयात बिल कम करने में मदद मिलेगी ही, साथ में चीनी मिल और गन्ना किसानों को भी फायदा होगा.
चीनी मिलों और गन्ना किसानों को फायदा
देश में पर्यावरण अनुकूल ईंधन का उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने पैट्रोल-डीजल में इथेनॉल सम्मिश्रण करने की योजना बनाई है. बुधवार को कैबिनेट-सीसीईए की बैठक के बाद इस सम्मिश्रण को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. फिल्हाल, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा पूरे देश में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का विस्तार करने की योजना है. इसका फायदा किसानों और चीनी मिलों को भी मिलेगा. अब गन्ना किसानों को समय पर भुगतान के साथ उचित दाम मिल पायेंगे. वहीं चीनी मिलों और डिस्टिलरी को भी पहले से अधिक इथेनॉल की बिक्री से अच्छा मुनाफा होगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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