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Voter List: दस्तावेज की अनिवार्यता पर पूर्व चुनाव आयुक्त ने क्या कहा, सुनिए | Sandeep Chaudhary
बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर बहस छिड़ गई है। इस मुद्दे पर देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने अपनी राय रखी। चर्चा का मुख्य बिंदु यह था कि चुनाव आयोग आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण क्यों नहीं मान रहा है, जबकि वह पहचान का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। ओपी रावत ने स्पष्ट किया, "आधार जो है वो आपकी पहचान का तो दस्तावेज है लेकिन वो नागरिकता का नहीं है।" बहस में इस रिवीजन की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए गए, क्योंकि यह प्रक्रिया मॉनसून के दौरान हो रही है, जब बिहार के कई इलाके बाढ़ग्रस्त होते हैं। इसके अलावा, बिहार चुनाव आयोग और केंद्रीय चुनाव आयोग के बयानों में विरोधाभास को लेकर भी चिंता जताई गई, जिससे आम मतदाता के मन में भ्रम पैदा हो रहा है। यह भी आशंका व्यक्त की गई कि यदि लोग दस्तावेज जमा नहीं कर पाए तो उनका नाम वोटर लिस्ट से कट सकता है।
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