पप्पू, टप्पू, अप्पू Vs गप्पू, चम्पू!
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन ने प्रचार में अपना दम लगा रखा. लेकिन इस प्रचार में यूपी को लेकर बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और माफियाराज को खत्म करने का दम भर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल दलित उत्पीड़न और जाति के मुद्दे को जमकर हवा दे रही हैं.बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन ने प्रचार में अपना दम लगा रखा. लेकिन इस प्रचार में यूपी को लेकर बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और माफियाराज को खत्म करने का दम भर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल दलित उत्पीड़न और जाति के मुद्दे को जमकर हवा दे रही हैं.बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन ने प्रचार में अपना दम लगा रखा. लेकिन इस प्रचार में यूपी को लेकर बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और माफियाराज को खत्म करने का दम भर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल दलित उत्पीड़न और जाति के मुद्दे को जमकर हवा दे रही हैं.बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन ने प्रचार में अपना दम लगा रखा. लेकिन इस प्रचार में यूपी को लेकर बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और माफियाराज को खत्म करने का दम भर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल दलित उत्पीड़न और जाति के मुद्दे को जमकर हवा दे रही हैं.बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन ने प्रचार में अपना दम लगा रखा. लेकिन इस प्रचार में यूपी को लेकर बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और माफियाराज को खत्म करने का दम भर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल दलित उत्पीड़न और जाति के मुद्दे को जमकर हवा दे रही हैं.बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन ने प्रचार में अपना दम लगा रखा. लेकिन इस प्रचार में यूपी को लेकर बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और माफियाराज को खत्म करने का दम भर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल दलित उत्पीड़न और जाति के मुद्दे को जमकर हवा दे रही हैं.

























