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Kanwar Yatra QR Code: पहचान पर धर्म संग्राम, 11 July से पहले 'कोड' से खुलेगी दुकानों की कुंडली!
कांवड़ यात्रा की शुरुआत से पहले उत्तर प्रदेश में पहचान को लेकर एक धर्म संग्राम छिड़ गया है। यह मुहिम मुजफ्फरनगर से शुरू होकर शामली, हरिद्वार सीमा और गाजियाबाद तक फैल गई है। 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है, जिसके मद्देनजर कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी भोजनालयों और खाने-पीने के स्थानों के लिए अहम दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कांवड़ रूट पर क्यूआर कोड का नियम है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों और भोजनालयों के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य उन दुकानों और भोजनालयों की पहचान और खाद्य लाइसेंस की जानकारी को सत्यापित करना है। इस कदम का कुछ हिंदू संगठनों ने स्वागत किया है, जबकि कुछ मुस्लिम संगठनों और अन्य लोगों ने इस पर सवाल उठाए हैं। मुजफ्फरनगर की तर्ज पर हापुड़ में भी दुकानों पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का कहना है कि क्यूआर कोड 11 जुलाई तक सभी दुकानों पर चिपका दिए जाएंगे, जिसके बाद ढाबे और होटल अपना लाइसेंस प्रदर्शित करेंगे। प्रशासन ने कहा है कि अगर किसी श्रद्धालु को कोई शिकायत होती है, तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। सड़क किनारे पटरियों की सफाई और खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य विभाग द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है।
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