बेबस मज़दूर के लिए बस पर चिठ्ठी के खेल में उठे सवाल...मज़दूर पैदल है बस पॉलिटिक्स फुल है...आखिर मजदूर को 'बस' धोखा कौन दे रहा है ? देखिए संविधान की शपथ