Shani और Rahu का साथ 51 दिन तक राशियों पर कैसा डालेगा असर ? । Astro । Astrology | ABP News
न्याय के देवता शनि इस साल 29 मार्च को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से निकलकर देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। शनि के मीन राशि में गोचर करने से कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और कंटक शनि की पनौती से छुटकारा मिल जाएगा वहीं कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी.सभी नौ ग्रहों में न्यायाधिपति और कर्मफलदाता शनि को सबसे प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं. यह किसी एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं. शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशि वालों पर सकारात्मक वहीं कुछ पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा.साल 2025 में शनि, गुरु और राहु-केतु जैसे प्रमुख और बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. इनमें से सबसे पहले न्यायप्रिय और कर्मफलदाता शनि का गोचर होगा. वैदिक ज्योतिष में शनि को सबसे प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, क्योंकि यह किसी एक राशि में ढाई वर्षों तक रहते हैं. इस तरह से शनि को राशि चक्र का पूरा चक्कर लगाने में 30 वर्ष का समय लग जाता है.शनि की धीमी चाल और एक ही राशि में करीब ढाई सालों तक रहने के कारण इनका प्रभाव जिन-जिन राशियों पर पड़ता है काफी देर तक रहता है. शनि जब-जब राशि परिवर्तन करते या फिर चाल में बदलाव करते हैं तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर किसी न किसी रूप में अवश्य ही पड़ता है.


























