एक्सप्लोरर
अद्भुत है रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ा ये किला, अपराधियों को दी जाती थी अनोखी सजा
1/8

किले में अस्तबल और हाथी द्वार का निर्माण किया गया है. राजमहल के पार्श्व भाग में सुंदर शिवालय निर्मित है.
2/8

वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप अवस्थी ने बताया कि किला महारानी लक्ष्मीबाई के समर पैलेस के नाम से मशहूर है. विशाल परकोटे से परिपूर्ण किले में पांच खंडों वाला विशाल राजमहल विद्यमान है. जिसमें अनेक आकार प्रकार के छोटे एवं बड़े कमरों का निर्माण हुआ है. यहां राजपरिवार एवं उनके अनुचर निवास किया करते थे.
3/8

इसी किलेनुमा पैलेस से एक ऐसी झील सटी हुई है जिसे देखकर नैनीताल याद आ जाएगा. यह इतना विशाल जलाशय है जिसका दूसरा किनारा दिखाई नहीं देता है. कई सालों के पड़ रहे सूखे ने इसे सुखा दिया है. पहाड़ी पर इस इमारत को सुरक्षा के दृष्टिगत बनाया गया था. दूर से देखने पर मन को मोहने वाला किला है. किले से आसपास का नजारा भी अत्यंत रमणीक है.
4/8

वास्तु कला की दृष्टि से यह किला बुंदेलखंड के सर्वाधिक सुरक्षित किलां में से एक है. पर्यटन के दृष्टिकोण से यह एक महत्वपूर्ण स्थान है.
5/8

झांसी खजुराहो मार्ग पर बरुआसागर कस्बे में लघु पहाड़ी पर मनोरम झील के तट पर किला स्थित है. 18वीं शताब्दी में बुंदेला राजा उदित सिंह ने इसका निर्माण कराया था. यहां गर्मियों में आकर असीम सुख अनुभव होता है. रानीलक्ष्मीबाई चिलचिलाती गर्मी से निजात पाने के लिए इसका इस्तेमाल करतीं थीं.
6/8

किले में तीन कुओं का प्रमाण भी मिलता है. इनमें से एक बड़े कुएं को स्थानीय लोग मौत का कुआं बताते हैं. अपराधी को इसी कुएं में भूख प्यास से तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता था.
7/8

यहां पर 1744 ईशवी में पेश्वा एवं बुंदेला के मध्य युद्ध हुआ था, जिसमें माधव सिंधिंया के अग्रज ज्योति भाऊ की मौत हो गई थी.
8/8

झांसी: आपने काला पानी की सजा के बारे में तो सुना होगा लेकिन कुएं में डालने की सजा के बारे में नहीं सुना होगी. शहर से 18 किमी दूर ऐसा ही एक किला है जिसमें अपराधियों को सजा देने के लिए कुआं बनाया गया था. बुंदेलखंड की प्राचीन इमारतें रहस्य, रोमांच और शिल्प कला का अद्भुत नमूना हैं.
Published at : 03 Jul 2018 12:53 PM (IST)
View More
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
क्रिकेट
बॉलीवुड
Source: IOCL





















