दिल्ली-एनसीआर में ये पटाखे जलाए तो हो सकती है जेल, जान लीजिए नियम
Rule For Bursting Or Selling Banned Firecrackers: दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर पटाखे जलाने को लेकर सख्त नियम लागू हैं. जरा सी गलती भी भारी पड़ सकती है. जानिए किन चीजों से रहना होगा सावधान.

Rule For Bursting Or Selling Banned Firecrackers: अब बस कुछ ही दिनों में दिवाली का त्योहार आने वाला है. लोग सजावट, लाइटिंग और पटाखों की तैयारियों में जुटे हैं. बहुत से लोग दिवाली के खास दिन पर जमकर पटाखे भी फोड़ते हैं. लेकिन अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं. तो इस बार पटाखे फोड़ने से पहले जरा संभल जाइए. दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को देखते हुए कुछ खास तरह के पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगाई है.
इसका मतलब है कि अगर किसी ने इन प्रतिबंधित पटाखों का इस्तेमाल किया या बेचा. तो उसे भारी जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है. सरकार और पुलिस ने पहले से ही सख्त निगरानी के इंतजाम किए हैं. ऐसे में त्योहार की खुशी में अगर किसी ने नियम तोड़े तो दिवाली के बाद उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. जान लीजिए क्या हैं नियम.
कौन से पटाखों पर लगी है रोक?
दिल्ली सरकार ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी सभी पारंपरिक पटाखों पर रोक लगाई है. इसमें ऐसे पटाखे शामिल हैं जो ज्यादा धुआं या आवाज पैदा करते हैं. जैसे रॉकेट, चकरी, बम, लड़ी और फुलझड़ी जैसी चीजें जिनसे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, उन पर प्रतिबंध जारी है. इसके अलावा, पटाखों की बिक्री, स्टॉकिंग या ट्रांसपोर्ट पर भी रोक है.
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अगर कोई दुकानदार या व्यक्ति प्रतिबंधित पटाखे बेचते या रखते हुए पकड़ा गया. तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने छापेमारी की टीमें भी बना दी हैं. जिससे नियमों का उल्लंघन करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.
कितनी हो सकती है सजा?
अगर कोई प्रतिबंधित पटाखे जलाते हुए पकड़ा जाता है. तो उस पर एनजीटी और दिल्ली पुलिस के नियमों के तहत जुर्माना और सजा दोनों हो सकती है. इस अपराध के लिए छह महीने तक की जेल या 200 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. वहीं अगर कोई इन पटाखों की बिक्री या सप्लाई करता है.
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तो मामला और गंभीर हो जाता है. ऐसे मामलों में एक साल तक की जेल या 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. सरकार का कहना है कि त्योहार मनाना सबका हक है. लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा और लोगों के स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता. इसलिए नियमों का पालन कर ही दिवाली मनाना समझदारी है.
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Source: IOCL























