National Consumer Rights Day: देश में हर कंज्यूमर के पास हैं ये 6 अधिकार, 99 पर्सेंट लोगों को नहीं हैं पता
National Consumer Rights Day: कल यानी 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाएगा. इस दिन याद रखें कि हर ग्राहक को छह अधिकार हासिल हैं. जान लीजिए कौनसा अधिकार कब काम आ सकता है.

National Consumer Rights Day: कल यानी 24 दिसंबर को देशभर में नेशनल कंज्यूमर डे मनाया जाएगा. इस दिन का मकसद लोगों को उनके उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. अक्सर लोग खरीदारी तो करते हैं. लेकिन यह नहीं जानते कि उनके पास कानूनी ताकत भी है. इसी कमी का फायदा कई बार कंपनियां और सेलर उठा लेते हैं.
इसी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू किया. जिसके तहत हर उपभोक्ता को 6 मजबूत अधिकार दिए गए हैं. हैरानी की बात यह है कि आज भी करीब 99 पर्सेंट लोगों को इन अधिकारों की सही जानकारी नहीं है. चलिए आपको बताते हैं इनके बारे में.
सुरक्षा का अधिकार
सुरक्षा का अधिकार उपभोक्ता को ऐसी चीजों और सर्विसेज से बचाता है. जो उसकी जान या संपत्ति के लिए खतरा बन सकती हैं. इसका मतलब यह है कि कोई भी कंपनी ऐसी चीज बाजार में नहीं बेच सकती. जिससे ग्राहक को नुकसान पहुंचे. अगर किसी प्रोडक्ट से चोट, बीमारी या जान का खतरा होता है. तो उपभोक्ता मुआवजे की मांग कर सकता है. यह अधिकार खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य पदार्थ और दवाओं के मामलों में बेहद अहम है.
सूचना का अधिकार
सूचना का अधिकार उपभोक्ता को किसी भी चीज या सर्विसेज से जुड़ी पूरी और सही जानकारी पाने का हक देता है. इसमें प्रोडक्ट की क्वालिटी, क्वांटिटी, शुद्धता, कीमत और इस्तेमाल की शर्तें शामिल हैं. अगर कोई कंपनी गलत जानकारी देकर प्रोडक्ट बेचती है. तो यह कानून का उल्लंघन माना जाता है. इस अधिकार का मकसद यह है कि ग्राहक सोच समझकर फैसला ले सके और किसी तरह की ठगी का शिकार न हो.
जबरन खरीदारी के खिलाफ अधिकार
इस अधिकार के तहत कोई भी दुकानदार या कंपनी ग्राहक को जबरदस्ती कोई सामान या सर्विस खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. ग्राहक को पूरा हक है कि वह ऑप्शन की तुलना करे और पसंद न आने पर खरीदारी से मना कर दे. कई बार एक्स्ट्रा चार्ज, बंडल ऑफर या अनचाही सर्विस थोप दी जाती है. ऐसे मामलों में उपभोक्ता इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है.
सुनवाई का अधिकार
सुनवाई का अधिकार उपभोक्ता को अपनी शिकायत खुलकर रखने का मौका देता है. अगर खरीदारी के दौरान शोषण होता है या सर्विस में कमी रहती है. तो ग्राहक अपनी आवाज उठा सकता है. उपभोक्ता फोरम में जाकर वह अपनी बात रख सकता है और कंपनी को जवाबदेह बना सकता है. यह अधिकार यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहक की शिकायत को नजरअंदाज न किया जाए.
शिकायत निवारण का अधिकार
इस अधिकार के तहत उपभोक्ता को यह भरोसा मिलता है कि उसकी शिकायत का समाधान जरूर होगा. अगर कोई प्रोडक्ट खराब निकलता है या सर्विस में धोखा होता है. तो ग्राहक मुआवजा मांग सकता है. कंज्यूमर कोर्ट दोषी कंपनी पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और छह महीने तक की सजा भी सुना सकती है. यही वजह है कि यह अधिकार उपभोक्ताओं के लिए बेहद ताकतवर माना जाता है.
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार ग्राहकों को जागरूक और समझदार बनाता है. इसका उद्देश्य यह है कि उपभोक्ता अपने अधिकारों, कानूनों और शिकायत के तरीकों को जान सके. जब ग्राहक शिक्षित होगा. तभी वह मिसलीडिंग ऐड और गलत दावों से बच पाएगा. यह अधिकार लंबे समय में बाजार को ज्यादा पारदर्शी और ईमानदार बनाता है.
भारत में पहला उपभोक्ता संरक्षण कानून 24 दिसंबर 1986 को बनाया गया था. समय के साथ जरूरतें बदलीं इसलिए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लाया गया. नेशनल कंज्यूमर डे पर इन अधिकारों को जानना और अपनाना हर ग्राहक के लिए जरूरी है.
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Source: IOCL























