किसानों को अब उनकी ही भाषा में मिलेगी मदद, सरकार ने लॉन्च कर दिया यह चैटबॉट
किसानों की हर परेशानी का तुरंत और सही जवाब देना है. साथ ही यह चैटबॉट आपकी यानी किसानों की अपनी भाषा में परेशानी को दूर करने के लिए बनाया गया है.

भारत सरकार ने किसानों के लिए एक खास और बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक नया और स्मार्ट डिजिटल दोस्त तैयारकिया है. इस नए दोस्त का नाम किसान‑E‑मित्र है. जो एक AI पर आधारित चैटबॉट है. यह पहल पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत की गई है. इसका मकसद किसानों की हर परेशानी का तुरंत और सही जवाब देना है. साथ ही यह चैटबॉट आपकी यानी किसानों की अपनी भाषा में परेशानी को दूर करने के लिए बनाया गया है. अब किसानों को खेती और सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी उनकी अपनी भाषा में और बहुत आसानी से मिल सकेगी. ऐसे में चलिए जानते हैं कि किसानों को अब उनकी ही भाषा में कैसे मदद मिलेगी.
क्या है किसान-E-मित्र
किसान-E-मित्र एक चैटबॉट है, जो किसानों से मोबाइल के जरिए बातचीत करता है. यह 24 घंटे, सातों दिन बिना रुके यानी गैरी ब्रेकिंग के जरिए काम करता है. किसान इससे पीएम किसान योजना, मौसम, मंडी रेट, फसल बीमा, ई-केवाईसी जैसी सभी जानकारियां सीधे मोबाइल पर पूछ सकते हैं और यह चैटबॉट एक दम आसान भाषा मे सभी सवालों के जवाब देता है.
इसे मोबाइल पर व्हाट्सएप नंबर 99915 22222 सेव करके यूज किया जा सकता है. किसान अपने मोबाइल से व्हाट्सएप पर 99915 22222 नंबर पर मैसेज भेज सकते हैं. जैसे ही किसान सवाल पूछते हैं, चैटबॉट उसी समय जवाब देता है. यह टेक्स्ट और वॉयस दोनों तरह से सवालों के जवाब देने के लिए बनाया गया है. इसे केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने तैयार किया है. इसे किसानों के लिए डिजिटल साथी की तरह बनाया गया है.
कितनी भाषाओं में काम करता है ये चैटबॉट
किसानों की मदद के लिए बनाया गया ये नया चैटबॉट11 भाषाओं में काम करता है. यह चैटबॉट हिंदी, तमिल, मराठी, बंगाली समेत 11 भारतीय भाषाओं में अवेलेबल है. साथ ही यह भाषा या स्पेलिंग की गलतियों को भी समझ लेता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह चैटबॉट हर दिन लगभग 25,000 सवालों का जवाब दे रहा है और अब तक 10 लाख से ज्यादा सवालों के जवाब दे चुका है. यह चैटबॉट सरकार की एक बड़ी डिजिटल पहल है, जिससे किसानों को घर बैठे मदद मिलेगी. बताया जा रहा है कि अब AI से खेती के साथ-साथ हेल्थ और स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में भी काम किया जाएगा.
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