इंश्योरेंस करवाते हुए ये बात छिपाई तो हो जाएगा नुकसान, भूलकर भी न करें ऐसी गलती
Insurance Tips: इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त लोग कुछ गलतियां कर बैठते हैं. कुछ बातें छिपा लेते हैं जिससे नुकसान हो सकता है. चलिए आपको बताते हैं कौन सी बातें इंश्योरेंस करवाते हुए नहीं छुपानी चाहिए.

जिंदगी बड़ी अनिश्चितताओं भारी होती है. इसीलिए किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए पहले ही सावधानी बरतना जरूरी होता है. और यही वजह है कि लोग इंश्योरेंस लेकर चलते हैं. आज के वक्त में इंश्योरेंस सिर्फ आम जिंदगी की जरूरत बन चुका है. चाहे गाड़ी का इंश्योरेंस हो, हेल्थ कवर हो या जीवन बीमा, हर कोई किसी न किसी तरह से सुरक्षा चाहता है.
मुश्किल वक्त में यही इंश्योरेंस आपके काम आता है. भविष्य में आर्थिक बोझ उठाने से बचाता है.कई बार पॉलिसी लेते वक्त लोग कुछ गलतियां कर बैठते हैं. कुछ बातें छिपा लेते हैं. या फिर गलत जानकारी देते हैं. ऐसे में कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है. चलिए आपको बताते हैं वह कौन सी बातें है जो इंश्योरेंस करवाते हुए कभी नहीं छुपानी चाहिए.
इंश्योरेंस लेते समय न छुपाएं यह बात
जब भी आप इंश्योरेंस खरीदते हैं. तो पॉलिसी फॉर्म भरते समय सही जानकारी देना जरूरी है. खासतौर पर अपनी हेल्थ से जुड़ी बातें कभी न छुपाएं. कई लोग सोचते हैं कि कोई पुरानी बीमारी या स्मोकिंग ड्रिंकिंग की आदत बताने से प्रीमियम ज्यादा हो जाएगा. लेकिन ये गलती भारी पड़ सकती है. इंश्योरेंस कंपनी आपकी मेडिकल हिस्ट्री चेक कर सकती है और क्लेम के वक्त अगर पता चला कि आपने जानकारी छुपाई थी.
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तो फिर आपका क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा. यही बात गाड़ी या प्रॉपर्टी इंश्योरेंस पर भी लागू होती है. जो भी रिस्क फैक्टर है. उसे कभी न छुपाएं. अगर आप पूरी जानकारी सही दर्ज करते हैं. तो फिर आपका क्लेम पास होने में परेशानी नहीं आती है. लेकिन कुछ बात छुपाई तो फिर क्लेम पास होने में मुश्किल भी हो सकती है और क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है.
इंश्योरेंस लेते वक्त इन चीजों पर दें ध्यान
इंश्योरेंस लेते वक्त आपको कुछ छुपाना नहीं चाहिए. वरना आगे चलकर बड़ा नुकसान हो सकता है. लेकिन सिर्फ जानकारी छुपाना ही गलती नहीं है. पॉलिसी लेते समय कुछ जरूरी बातों पर ध्यान न देना भी नुकसानदेह साबित हो सकता है. पॉलिसी खरीदते वक्त लोग अक्सर सिर्फ प्रीमियम देखकर फैसला कर लेते हैं.
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लेकिन यह तरीका सही नहीं है. आपको कितने कवर की जरूरत है, आपकी पाॅलिसी किन बीमारियों या हादसों को कवर करती है और इसमें किन चीजों को बाहर रखा गया है. क्लेम सेटलमेंट का रेशियो क्या है. कैशलेस सुविधा है या नहीं इन चीजों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है.
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