Bihar Crime: Patna में गोली...सीवान में तलवार...बिहार में नीतीशे कुमार! | Sandeep Chaudhary
बिहार में अपराध की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। एक वक्ता ने बिहार में हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाओं में लगातार वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बिहार के हर जिले में बेटियों की लाशें मिल रही हैं और अखबारों की सुर्खियां खून से सनी नजर आ रही हैं। वक्ता ने मुख्यमंत्री पर नैतिक मूल्यों को सत्ता की खूंटी पर टांगने और चेतना शून्य होने का आरोप लगाया। उन्होंने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के सामने फायरिंग की घटना और पुलिस पर हुए हमलों का भी जिक्र किया, जिसमें 151 दिनों में 1297 हमले शामिल हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए, वक्ता ने बताया कि 2005 की तुलना में 2022 में हत्या के प्रयास में 3307 से 8659 तक की वृद्धि हुई है, अपहरण में 2693 से 11,822 तक (493% वृद्धि), जघन्य अपराधों में 2476 से 49,610 तक (206% वृद्धि) और महिला अपराधों में 6019 से 20,222 तक की वृद्धि हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये आंकड़े अमित शाह के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट से हैं। एक 11 साल की बच्ची के साथ हुई बर्बरतापूर्ण घटना का भी उल्लेख किया गया, जिसमें उसे 20 चाकू के घाव थे और गला रेता गया था। बच्ची को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया और 8 घंटे तक एम्बुलेंस में रहने के बाद उसकी मौत हो गई। वक्ता ने सरकार पर 'सत्ता के अहंकार' का आरोप लगाया और कहा कि अपराध, व्यभिचार और भ्रष्टाचार तब बढ़ जाते हैं जब वर्तमान दल साथ आते हैं।
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