Google Gemini ने लगाई बड़ी छलांग, ChatGPT का निकला पसीना, जानें क्या कहते हैं ताजा आंकड़े
एआई की रेस में गूगल और ओपनएआई के बीच मुकाबला तेज होता जा रहा है. पिछले एक साल में गूगल जेमिनी का ट्रैफिक बढ़ा है, वहीं ओपनएआई के चैटजीपीटी को अब पहले की तुलना में कम लोग यूज कर रहे हैं.

पिछले कुछ समय से एआई चैटबॉट्स लगातार एडवांस होते आ रहे हैं और अब इनके बीच रेस दिलचस्प हो गई है. गूगल जेमिनी पिछले करीब एक साल से लगातार चर्चा में बना हुआ है और इसका वेब ट्रैफिक भी तेजी से बढ़ रहा है. Similarweb के आंकड़े बताते हैं कि जेमिनी के वेब ट्रैफिक में उछाल आया है, वहीं ओपनएआई के चैटजीपीटी का ट्रैफिक तेज से कम हो रहा है. पहले से ही ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि गूगल जेमिनी चैटजीपीटी को कड़ी टक्कर दे सकता है और अब ऐसा होता नजर आ रहा है.
कितना बढ़ा जेमिनी का ट्रैफिक?
एक साल पहले जेमिनी का ट्रैफिक शेयर सिर्फ 5.4 प्रतिशत था, लेकिन आज यह बढ़कर 18.2 प्रतिशत हो गया है. दूसरी तरफ चैटजीपीटी का ट्रैफिक एक साल पहले 87.2 प्रतिशत था, जो अब गिरकर 68 प्रतिशत रह गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह एआई माइग्रेशन का हिस्सा है और यूजर अब किसी एक प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह निर्भर रहने की बजाय अलग-अलग टूल्स यूज कर रहे हैं.
क्यों रफ्तार पकड़ रहा है जेमिनी?
दरअसल, पिछले कुछ समय से गूगल ने एआई पर काम तेज किया है. कंपनी ने डेली यूज होने वाले अपने प्रोडक्ट्स में भी जेमिनी को इंटीग्रेट करना शुरू कर दिया है. अब जेमिनी को स्टैंडअलोन ऐप के साथ-साथ वेबसाइट और गूगल के दूसरे प्रोडक्ट्स में भी यूज किया जा सकता है. अब यह क्रोम, गूगल सर्च, गूगल डॉक्स और जीमेल आदि में नजर आने लगा है. इससे यूजर के लिए इसे याद रखना आसान हो गया है और उसे एआई चैटबॉट के लिए कोई दूसरा नाम याद रखने की भी जरूरत नहीं है.
जेमिनी को देखकर ओपनएआई ने किया कोड रेड का ऐलान
गूगल ने कुछ दिन पहले अपने जेमिनी 3 मॉडल को लॉन्च किया था. इसने कई मामलों में चैटजीपीटी को पीछे छोड़ दिया था. इसके बाद ओपनएआई ने इसे टक्कर देने के लिए कोड रेड का ऐलान कर दिया था. यह कंपनी की इंटरनल टर्म है, जिसका मतलब है कि वह नया मॉडल बनाने के लिए काम तेज करने वाली है.
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