हर हफ्ते इतने घंटे मोबाइल गेमिंग में बर्बाद कर रहे 74% युवा, सर्वे में हुआ खुलासा
Gen Z : साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे के मुताबिक, भारत में Gen Z यानी 13 से 28 साल की उम्र के 74% युवा हर हफ्ते कम से कम 6 घंटे मोबाइल गेम्स खेलने में बिता रहे हैं.

Gen Z Mobile Gaming: साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे के मुताबिक, भारत में Gen Z यानी 13 से 28 साल की उम्र के 74% युवा हर हफ्ते कम से कम 6 घंटे मोबाइल गेम्स खेलने में बिता रहे हैं. यह ट्रेंड मोबाइल गेमिंग की बढ़ती लोकप्रियता और युवाओं के बदलते डिजिटल व्यवहार को साफ़ दर्शाता है.
सर्वे में सामने आए आंकड़ें
सर्वे में 1,550 प्रतिभागियों को शामिल किया गया जो देश के अलग-अलग शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गुवाहाटी, चेन्नई, जयपुर, इंदौर और ग्वालियर से थे. इन्हें तीन पीढ़ियों में बांटा गया जिसमें मिलेनियल्स (28-44 साल), Gen Z (13-28 साल) और Gen Alpha (13 साल से कम) शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, 32% भारतीय यूज़र्स हर हफ्ते औसतन 4 से 6 घंटे मोबाइल गेमिंग में बिताते हैं जबकि एक बड़ा हिस्सा गेमिंग को मनोरंजन, मानसिक चुस्ती और सामाजिक जुड़ाव का ज़रिया मानता है.
इन दो गेम्स का युवाओं में क्रेज
सर्वे में यह भी सामने आया कि Free Fire और BGMI सबसे लोकप्रिय गेम्स हैं. दोनों को 26-26% 'सीरियस गेमर्स' ने अपनी पहली पसंद बताया. वहीं पज़ल्स और फर्स्ट-पर्सन शूटर (FPS) जैसे गेमिंग शैलियां 19% यूज़र्स की पसंद बनी रहीं. दिलचस्प बात यह है कि अब 30% से ज्यादा Gen Z गेमर्स हाई-क्वालिटी और प्रीमियम टाइटल्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं और उनमें से 57% ई-स्पोर्ट्स जैसे गेमिंग में भी एक्टिव रूप से भाग ले रहे हैं.
स्मार्टफोन खरीदने पर भी दिख रहा असर
जानकारी के मुताबिक, मोबाइल गेमिंग के साथ-साथ स्मार्टफोन चयन में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है. Gen Z अब स्मार्टफोन खरीदते समय सबसे पहले प्रोसेसर की ताकत और ब्रांड की साख को प्राथमिकता दे रहा है. इस श्रेणी में मीडियाटेक Dimensity और क्वालकॉम Snapdragon सबसे भरोसेमंद चिपसेट्स के रूप में उभरे हैं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मीडियाटेक कस्टमर सैटिस्फैक्शन (46%) और ब्रांड लॉयल्टी (50%) में सबसे आगे हैं जबकि क्वालकॉम को 'प्रीमियम' ब्रांड की छवि बनाए रखने में सफलता मिली है. खासतौर पर Gen Alpha के 45% यूज़र्स इसके लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं.
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