वाराणसी: जून के अंत तक ड्रेजिंग के काम को दे दिया जाएगा अंतिम रूप, रेत के टीलों से मुक्त होगी गंगा
यूपी के वाराणसी में गंगा के दूसरे छोर पर रेत की ड्रेजिंग का काम 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है. काम पूरा होने के बाद गंगा का विस्तृत रूप देखने को मिलेगा. इससे काशी में पर्यटन को धार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा को अब नया स्वरूप मिलने वाला है. गंगा के दूसरे छोर पर रेत की ड्रेजिंग का काम 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है. जून के अंत तक इस काम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ड्रेजिंग की वजह से आने वाले दिनों में गंगा का स्वरूप विस्तार लेगा और घाट पर मंडरा रहा खतरा भी कम होगा.
सुरक्षित होंगे घाट
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की गंगा को नया विस्तार मिलेगा. गंगा का विस्तृत रूप देखने को मिलेगा साथ ही गंगा के दूसरे छोर पर पांच किलोमीटर की बनी नहर ना सिर्फ दरकते हुए घाट को सुरक्षित करेगी बल्कि आने वाले पर्यटकों को आकर्षित भी करेगी.
गंगा को मिलेगा फैलाव
आपको बता दें कि वाराणसी में गंगा एक्शन प्लान के तहत कछुआ सेंचुरी 1987 में बनी जिसके बाद गंगा के दूसरे छोर पर बालू के टीले बनने लगे. नतीजा घाटों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा. कहीं घाट धंसने लगे तो कहीं सीढियां खिसकने लगीं. देश के प्रधानमंत्री जब काशी के सांसद बने तो जनता ने ये सपना देख लिया कि अब बालू के टीले से गंगा को आजादी जरूर मिलेगी. प्रशासनिक प्रयास के बाद एक प्लान तैयार हुआ और गंगा के दूसरे किनारे पर पांच किलोमीटर नहर का निर्माण हुआ है. कहा जा रहा है कि इस नहर से गंगा को फैलाव मिलेगा और उसका पूर्व स्वरूप सामने आएगा.
पर्यटन को मिलेगी धार
पर्यटन की नगरी में गंगा आस्था के साथ आकर्षण का केंद्र भी है और अब आने वाले दिनों में जब गंगा को विस्तार मिलेगा तब गंगा की नगरी काशी में पर्यटन को धार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
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Source: IOCL























