Valley of Flowers: पर्यटकों के लिए खोली गई विश्व धरोहर फूलों की घाटी, पहले दिन इतने देसी विदेशी पर्यटकों ने किया दीदार
Joshimath: फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए आज से खोल दी गयी है. पहले दिन देसी विदेशी पर्यटकों ने फूलों की इस घाटी का आनंद उठाया. यहां जानें विश्व धरोहर में क्यों शामिल हैं यह घाटी?
Chamoli Latest News: विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गयी है. नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ नंद बल्लभ शर्मा ने आज सुबह 7 बजे पर्यटकों को हरी झंडी देकर रवाना किया. पहले दिन 75 देसी विदेशी पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया. जिसमें एक विदेशी पर्यटक भी शामिल है. फूलों की घाटी में इस साल समय से फहले 12 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हैं.
12 से अधिक प्रजाति के खिले हैं फूल
इस साल चारधाम यात्रा की तर्ज पर फूलों की घाटी को लेकर पर्यटको में खासा उत्साह है. इस साल रिकॉर्ड तोड़ पर्यटकों की आने की उम्मीद है, पर्यटक घाटी की हसीन वादियों को देखकर बहुत खुश हो रहे हैं. नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ नंद बल्लभ शर्मा का कहना है कि आज फूलों की घाटी में 75 देसी विदेशी पर्यटकों ने घाटी का दीदार किया जिसमें एक विदेशी पर्यटक भी शामिल है, घाटी में अभी 12 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हैं.
क्या है फूलों की घाटी का इतिहास?
फूलों की घाटी की खोज ब्रिटिश पर्वतरोही फ्रैंक स्मिथ ने 1931 में किया था. कॉमेट पर्वत फतह करने के बाद फ्रैंक स्मिथ और उसके साथी आरएल होल्डवर्थ जब रास्ता भटक गए तो वे यहां पहुंचे उन्होंने फूलों की खूबसूरत नजारे को देखकर दंग रह गए. कुछ दिन यहां रहे और इसको वैली ऑफ फ्लावर के नाम से याद किया गया.
फिर इन्होंने वैली ऑफ फ्लावर नाम से एक किताब प्रकाशित किया जिसने पूरे वनस्पति जगत में तहलका मचा दिया था. तबसे पर्यटक फूलों की घाटी आने लगे हैं. फूलों की घाटी दुनिया की इकलौती जगह जहां 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं. यूनिस्को ने 2005 में इसको विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया था.
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