BJP ने 139 नेताओं को पार्टी से निकाला, बागियों ने अनदेखी का लगाया आरोप
Uttarakhand News: उत्तराखंड में निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए 139 बागी नेताओं को निष्कासित कर दिया है. बीजेपी ने अनुशासनहीनता करार देते हुए कार्रवाई कि है.

Uttarakhand Nikay Chunav: उत्तराखंड में निकाय चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं के खिलाफ बीजेपी ने कड़ा कदम उठाया है. बीजेपी ने सात जिलों में 139 बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इन नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था, जिसे बीजेपी ने अनुशासनहीनता करार देते हुए यह कार्रवाई की है. बीजेपी ने सभी बागी नेताओं को आठ जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था, जिसमें उन्हें पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन की अपील की गई थी. बावजूद इसके कई नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया. इसके बाद पार्टी ने जिलों से बागी नेताओं की सूची मंगाई और अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं को निष्कासित करना शुरू किया.
शनिवार को गढ़वाल मंडल के 100 नेताओं पर कार्रवाई की गई. गढ़वाल मंडल में सबसे ज्यादा 73 नेता देहरादून महानगर से निष्कासित किए गए. ऋषिकेश से 23, श्रीनगर से 17, उत्तरकाशी से 4, चमोली से 12, रुद्रप्रयाग से 2, और पिथौरागढ़ से 8 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया. पार्टी से निष्कासित किए गए नेताओं ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. देहरादून नगर निगम के पार्षद पद के प्रत्याशी प्रसाद भट्ट, जो 12 वर्षों से पार्टी में सक्रिय थे, उन्होंने कहा कि, मैंने पार्टी के लिए कई पदों पर काम किया लेकिन जब टिकट मांगा, तो उन्हें अनदेखा कर दिया गया. उन्होंने बीजेपी को "कांग्रेस युक्त पार्टी" करार देते हुए पार्टी पर कांग्रेस नेताओं को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया.
देहरादून समेत कई जिलों से नेताओं को निष्कासित किया गया
निष्कासित नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपना चुनाव चिन्ह और अभियान तैयार किया है. उनका कहना है कि उन्होंने यह कदम अपने सम्मान की रक्षा के लिए उठाया है. देहरादून महानगर से 73 नेताओं को निष्कासित किया गया. ऋषिकेश में 23 नेताओं को निकाला गया. श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) में 17 नेताओं को बाहर किया गया.
चमोली में 12 बागी नेता निकाले गए. उत्तरकाशी से 4 नेताओं पर कार्रवाई. रुद्रप्रयाग से 2 नेता निष्कासित. पिथौरागढ़ से 8 नेताओं को हटाया गया. इन जिलों के अलावा देहरादून ग्रामीण, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, चंपावत, नैनीताल, काशीपुर और उधम सिंह नगर से बागियों की सूची आनी बाकी है.
बागेश्वर, अल्मोड़ा, और रानीखेत जैसे इलाकों में बीजेपी को बागियों का सामना नहीं करना पड़ा. यहां जो नेता पार्टी से नाराज थे, उन्होंने भी बीजेपी प्रत्याशियों को समर्थन दे दिया, इसलिए इन जिलों में कोई निष्कासन नहीं हुआ. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडल से कुल 139 नेताओं को निष्कासित किया गया है. सभी जिला अध्यक्षों को बागियों की पहचान कर कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है.
बागी नेताओं का निर्दलीय चुनाव लड़ना बीजेपी के लिए खतरा
देहरादून महानगर बीजेपी अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि 47 कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है. उन्होंने साफ किया कि इन नेताओं की पार्टी में जल्द वापसी नहीं होगी. बागी नेताओं का निर्दलीय चुनाव लड़ना बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. कई स्थानों पर बागी प्रत्याशी बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. हालांकि, पार्टी ने सख्त अनुशासन नीति अपनाते हुए साफ संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
निष्कासित नेताओं ने बीजेपी पर पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पार्टी में वरिष्ठ और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर बाहरी और नए नेताओं को टिकट दिए जा रहे हैं. उत्तराखंड निकाय चुनाव में बागियों पर हुई कार्रवाई ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है. बागियों ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे बीजेपी की छवि प्रभावित हो सकती है. वहीं, पार्टी का कहना है कि अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आगामी चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि बीजेपी की यह कार्रवाई कितनी प्रभावी रही.
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