Uttarakhand News: आपदाओं को लेकर मौसम विभाग होगा पहले से ज्यादा अलर्ट, उत्तराखंड में तीन डॉप्लर लगाने की मिली मंजूरी
Uttarakhand Weather News: उत्तराखंड में आपदाओं को लेकर मौसम विभाग पहले से ज्यादा अलर्ट होगा. प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए तीन डॉप्लर रडार लगाने की मंजूरी मिली है.
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए तीन डॉप्लर रडार (Doppler radar) लगाने की परमिशन मिली थी. जहां नैनीताल के मुक्तेश्वर में एक रडार पहले से काम कर रहा था वहीं अब टिहरी के सुरकंडा में भी दूसरे डॉप्लर रडार ने काम करना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग को लगातार डेटा मिलेगा जिससे प्राकृतिक आपदाओं से पहले अलर्ट होकर आपदाओं से जानमाल के नुकसान से बचा जा सकेगा.
चारधाम से लेकर भारत-चीन बॉर्डर तक मौसम की सटीक जानकारी देने में टिहरी के सुरकंडा का डॉप्लर रडार बहुत उपयोगी साबित होगा. टिहरी जिले में मौजूद इन डॉप्लर रडर की रेंज एयर डिस्टेंस 100 किलोमीटर है. जिसके माध्यम से ना सिर्फ उत्तराखंड के चारो धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री यात्रा में मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी बल्कि उत्तरकाशी के भारत-चीन बॉर्डर पर मौजूद भारतीय सेना आइटीबीपी के सैनिकों को भी मौसम की सटीक जानकारी मिल जाएगी.
एक्सपर्ट एसपी सती ने बताया कि जो डॉप्लर रडार सिस्टम सुरकंडा जी में लगा है, खबरें ये आ रही हैं कि वो इन्स्टॉल हो गया है. उसने काम करना शुरू कर दिया है. उसकी रेंज 100 किलोमीटर है, डॉप्लर रडार वैदर फोरकास्टिंग में बहुत ही परखा हुआ एक सिस्टम है एक प्रणाली है, 100 किलोमीटर का मतलब ये हो गया कि अगर हम उसके 100 किलोमीटर के उत्तर की ओर देखे, तो वो बॉर्डर तक जाता है, और पूरे प्रदेश में जगह जगह जहां एक्सट्रीम रेनफॉल हो रही है, फोरकास्ट में इससे उसके एफिसिएंसी में भी वृद्धि होगी, चाइना बॉर्डर तक इसकी रेंज है, वहां बर्फबारी का मामला है या ट्रैकर्स वहां जाते हैं तो इससे वहां की सटीक जानकारी मिल पाएगी.
मौसम विज्ञान केंद्र उत्तराखंड के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अभी हमारे पास डॉप्लर रडार लगा था जो कि मुक्तेश्वर में है, उसका कुमाऊं रीजन के लिए हमें वो डाटा मिल ही रहा है, लेकिन गढ़वाल रीजन की बात करें तो दो जगह सुरकंडा जी और लैंसडाउन में, सुरकंडा जी में अप्रैल में ही लग गया था लेकिन जो बेसिक चीजें जिसमें लोग काम कर पाए वो सुविधाए नहीं थी, अब करीब करीब वो सभी चीजें हो गई हैं, और उसको अब हमने ऑपरेशनल कर दिया है.
सुरकंडा जी में जो वैदर रडार है, तब गढ़वाल का जो 100 किलोमीटर रेडियस के अराउंड इसके जो लोकेशन हैं उसमें जो भी वेदर एक्टीविटी हो रही हैं, उसकी मॉनीटरिंग अब बिल्कुल अच्छी हो गयी है, तो आज ये कह सकते हैं जो हम नाव कास्ट समरी का डाटा जो हम समरी इशू कर रहे हैं. उसमें काफी यूजफुल होगी, इसी तरह जो और भी फोरकास्ट होती है उसमें भी ये डेटा जाता है.
मॉडल में तो उसके भी प्रोडेक्ट्स भी इन्प्रूव होंगे, गढ़वाल क्षेत्र के लिए हमारे पास अभी तक नहीं था रडार का कवरेज तो वो अब सुरकंडा जी वाला रडार है वो ऑपरेशनल हो गया है, कल से इसके प्रोडेक्ट्स हमको मिलने शुरू हो जाएंगे तो मैं समझता हूं जो यात्रा वाला ज्यादा एरिया है जिसमें चारधाम यात्रा चलती हैं, तो उसमें अच्छी कवरेज हमको मिलेंगी और जो नॉव कास्ट, लोकेशन इस्पैसिफिक है या कौन से एरिया में उसका ज्यादा है तो वो हम अच्छा कर पाएंगे. किसी भी डिस्ट्रिक्ट में कोई भी डेवलपमेंट या फिर ब्लॉक में हम देख सकते हैं, उसी अनुसार वॉर्निंग जनरेट कर सकेंगे.
इसे भी पढ़ें:
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets