Char Dham Yatra 2025: इस बार फीका पड़ा बाबा केदार के भक्तों का उत्साह, पिछले साल के आंकड़ों को नहीं छू पाए श्रद्धालु
Uttarakhand News: उत्तराखंड में खराब मौसम का असर केदारनाथ धाम यात्रा पर भी पड़ा है, पिछले साल की अपेक्षा इस साल लगभग 3 लाख कम श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचे हैं.

द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक भगवान भोलेनाथ का पवित्र धाम केदारनाथ धाम उत्तराखंड के चारधामों में से एक है, भगवान भोलेनाथ के भक्त यहां बड़ी ही आस्था और विश्वास के साथ बाबा केदारनाथ के दर्शन को आते हैं. केदारनाथ धाम में अभी तक 15 लाख 85,000 से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं.
जानकारी के अनुसार, हर रोज औसतन 4,000 के आसपास भक्त दर्शन करने के लिए केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. हालांकि, पिछले साल की तुलना में यात्रियों की संख्या में कमी आई है. इस बार 23 अक्टूबर को भैया दूज के पर्व पर धाम के कपाट बंद होने हैं, ऐसे में स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि बचे हुए दिनों में चार धाम आने वाले यात्रियों की संख्या में काफी इजाफा होगा.
23 अक्टूबर को बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट
बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट दिवाली के दो दिन बाद भैया दूज के पावन पर्व पर 23 अक्टूबर को बंद होंगे. पिछले साल की यात्रा की तुलना में इस बार कपाट पहले बंद हो रहे हैं, जबकि पिछले साल की तुलना में यात्री भी कम पहुंचे हैं. इसके कई कारण हैं, पहला कारण रहा प्रदेश में भारी बारिश, हिंदुस्तान-पाकिस्तान युद्ध, लगातार सड़कों का टूटना. ऐसे कई कारण हैं जिस कारण इस बार यात्रियों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली.
पिछले साल पूरे सीजन के दौरान लगभग 19 लाख के आसपास भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन किए थे, जबकि अभी तक इस साल 15 लाख 85,000 के आसपास भक्त केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले साल का रिकॉर्ड नहीं टूट पाया है.
क्या इस साल टूट पाएगा पिछले वर्ष का रिकॉर्ड
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में करीब 25 दिन का समय शेष है, ऐसे में यही उम्मीद की जा रही है कि इन 25 दिनों में एक लाख भक्त केदारनाथ धाम पहुंचेंगे. यदि बचे हुए दिनों में एक लाख भक्त पहुंचते हैं, तो यात्रियों की संख्या तकरीबन 17 लाख हो जाएगी. हालांकि, जिस हिसाब से इन दिनों यात्रा चल रही है और यात्री आ रहे हैं, उसे नहीं लगता कि इस बार 17 लाख का आंकड़ा पार हो पाएगा.
गौरीकुंड से घोड़े और खच्चर, मजदूर आदि भी वापस लौटना शुरू हो गए हैं. धाम के लिए संचालित हो रही हेली सेवाओं के पास भी इन दिनों सवारी की कमी है. सवारी की कमी का कारण बढ़ा हुआ हेली का किराया भी हो सकता है. फिलहाल स्थिति जो भी हो, यात्रा जिस तरह से चलनी चाहिए थी, उस तरह से नहीं चल रही है.
गाड़ियों की भीड़ भी कम है. धाम पहुंच रहे यात्रियों को सुबह से शाम तक आसानी से बाबा केदार के दर्शन हो रहे हैं. दर्शनों के लिए यात्रियों की लाइन उतनी बड़ी नहीं है जितनी पहले हुआ करती थी.
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Source: IOCL





















