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Uttarakhand: इस योजना से बदल जाएगी किसानों की किस्मत, राज्य में जल्द शुरू होंगे मिशन दालचीनी-तिमरू
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami: सेलाकुई में सगंध फसल उत्कृष्टता केन्द्र का लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप को और सुदृढ करने के लिए उसे संस्थान का रूप दिया जाएगा,
![Uttarakhand: इस योजना से बदल जाएगी किसानों की किस्मत, राज्य में जल्द शुरू होंगे मिशन दालचीनी-तिमरू Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami will start 'Mission Cinnamon' and 'Mission Timru' this scheme may change the fate of farmers Uttarakhand: इस योजना से बदल जाएगी किसानों की किस्मत, राज्य में जल्द शुरू होंगे मिशन दालचीनी-तिमरू](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/23/c9654ded40946bf47a8395c31d7161951677118151577649_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने बुधवार को उत्तराखंड (Uttrakhand) में 'मिशन दालचीनी' ('Mission Cinnamon' ) एवं 'मिशन तिमरू' ('Mission Timru') प्रारंभ करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्र के किसानों की आय में वृद्धि होगी एवं रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
देहरादून के नजदीक सेलाकुई में सगंध पौधा केंद्र (कैप) में सगंध फसल उत्कृष्टता केन्द्र का लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप को और सुदृढ करने के लिए उसे संस्थान का रूप दिया जाएगा, जिसके लिए जल्द अधिनियम लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जलवायु दालचीनी एवं तिमरू के उत्पादन हेतु अनुकूल होने के दृष्टिगत इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए 'मिशन दालचीनी' एवं 'मिशन तिमरू' प्रारम्भ किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से पर्वतीय क्षेत्र के किसानों की आय में वृद्धि होगी एवं रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
किसानों और युवाओं को हो रहा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि संगध पौधों के क्षेत्र में उत्तराखंड के किसानों और युवाओं को हो रहे लाभ को देखते हुए कैप को सुदृढ़ करने हेतु एक अधिनियम के जरिए उसे संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कैप गुणवत्तापूर्ण सगंध उत्पादन में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.
पारंपरिक खेती में हो रहा नुकसान
धामी ने उत्तराखंड में खेती के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि जंगली जानवरों से नुकसान, भौगोलिक परिस्थितियां, वर्षा आधारित कृषि के चलते राज्य में पारंपरिक कृषि के प्रति किसानों का रुझान निरन्तर कम होता जा रहा है. हांलांकि, सगंध फसलों के कठिन परिस्थितियों में उगने की क्षमता के कारण वर्तमान में वे बेहतरीन नगदी फसल के रूप में स्थापित हो रही हैं और किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय पर पर्याप्त मात्रा में पौध सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ही 'सगन्ध पौध उत्कृष्टता केन्द्र' की स्थापना की गयी है.
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