नंद गोपाल गुप्ता नंदी की चिट्ठी से यूपी के सियासी गलियारों में नई चर्चा! मंत्री ने साधी चुप्पी
Lucknow News:योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने 31,00 करोड़ की बजट लागत, जिसमें विभाग और स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत टैबलेट वितरण का प्रस्ताव शामिल है.

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने अभी अधिकारियों की कार्यप्रणाली से त्रस्त आकर सीएम योगी को चिट्ठी लिखी थी, अब उन्होंने स्मार्टफोन और टैबलेट खरीद में अफसर शादी को निशाने पर लिया है. नंदी ने 31,00 करोड़ की बजट लागत, जिसमें विभाग और स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत टैबलेट वितरण का प्रस्ताव शामिल है, पर चिंता जताई है. फ़िलहाल इस मामले में अभी सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
क्या है मामले में विवाद?
हाल ही में जारी एक सरकारी आदेश के अनुसार, प्रदेश में 31,00 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्टफोन के बजाय टैबलेट वितरित करने की योजना बनाई गई है. नंदी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह निर्णय पारदर्शिता और जरूरत के आधार पर नहीं लिया गया. उन्होंने दावा किया कि अफसरशाही इस योजना में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का खेल खेल रही है. नंदी के मुताबिक 2025-26 के बजट में 25.5 लाख स्मार्टफोन की जगह टैबलेट खरीदने का प्रस्ताव है, जिसमें प्रति टैबलेट की लागत 12,000 से 15,000 रुपये तक आंकी गई है.
नंदी ने आरोप लगाया कि इस योजना में 3.10 लाख टैबलेट की खरीद के लिए 3100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें प्रति टैबलेट 10,000 रुपये की औसत लागत तय की गई है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह खरीद सही कीमत पर और जरूरत के अनुसार हो रही है, या फिर यह एक और घोटाले की शुरुआत ह.। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि टेंडर प्रक्रिया की जांच हो और सरकारी धन का दुरुपयोग रोका जाए.
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फायदा और नुकसान पर बहस
नंदी के अनुसार स्मार्टफोन की तुलना में टैबलेट की कीमत और उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं. उनका कहना है कि स्कूलों में बच्चों के लिए स्मार्टफोन ज्यादा व्यावहारिक होते हैं, जबकि टैबलेट की खरीद में अनावश्यक खर्च बढ़ाया जा रहा है. दूसरी ओर दावा है कि टैबलेट शिक्षा के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देंगे और लंबे समय तक टिकाऊ होंगे.
अधिकारियों की मनमानी से नाराजगी
नंद गोपाल नंदी ने अपनी चिट्ठी में अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अफसर उनके निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं और फाइलें जानबूझकर दबा रहे हैं. नंदी ने लिखा कि मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन मेरा धर्म है, लेकिन जब अधिकारी अपनी मर्जी से काम करते हैं और नीतियों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं, तो यह असहनीय है. उन्होंने मांग की कि इस मनमानी की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
अब नंदी ने थामी ख़ामोशी
जब ABP रिपोर्टर ने नंदी से इस मामले पर बात की, तो उन्होंने स्पष्ट रुख लेने से परहेज किया, लेकिन मामले को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया.
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