दिल्ली में AAP और सपा के अलायंस के बीच राहुल गांधी ने बता दिया INDIA अलायंस का भविष्य!
INDIA भले साथ चुनाव न लड़ रहा हो लेकिन एकजुटता के दावे खूब किए जा रहे हैं. AAP और सपा का दिल्ली चुनाव में अलायंस है और कांग्रेस अकेली पड़ गई है. इस बीच राहुल गांधी के नए बयान से कुछ संकेत मिल रहे हैं.

INDIA Alliance: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अकेली पड़ गई है. कांग्रेस और सपा के नेताओं के बीच और इंडिया अलायंस को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है, सपा चीफ अखिलेश यादव भले यह कह रहे हों कि वह और उनकी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ नहीं है. वह बस बीजेपी को हराना चाहते हैं लेकिन आम आदमी पार्टी ने चुनाव की शुरुआत में ही कांग्रेस को इंडिया अलायंस से बाहर निकालने की मांग की थी.
इन सब सियासी समीकरणों और दावों के बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कई बार इंडिया अलायंस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुझे लगा 'ये उस तरह का अभिभाषण नहीं था जो एक राष्ट्रपति का अभिभाषण होना चाहिए. मैं बताना चाहता हूं कि इंडिया गठबंधन किन बातों की चर्चा करता.'
उत्तर प्रदेश स्थित रायबरेली से सांसद राहुल गांधी द्वारा संसद में यह कहना कि 'इंडिया अलायंस किन बातों की चर्चा करता', इस बात की ओर संकेत है कि गठबंधन से निकाले जाने की मांगों के बीच कांग्रेस हाईकमान के दिमाग में अलायंस को लेकर एक स्पष्ट तस्वीर है. लोकसभा में भाषण की शुरुआत में ही राहुल ने 2 बार इंडिया अलायंस का जिक्र किया.
राहुल देना चाहते हैं ये मैसेज!
राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस साल बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी यह मैसेज नहीं देना चाहते हैं कि कांग्रेस की अगुवाई में INDIA अलायंस कहीं गुम हो गया है. बिहार के अलावा कांग्रेस, यूपी में भी सपा के साथ अपने अलायंस को बचाए रखने की कोशिश में है. बिहार में साल 2025 में चुनाव प्रस्तावित हैं.
Milkipur Bypolls : मिल्कीपुर में अखिलेश यादव बोले- यह चुनाव नहीं चुनौती, लखनऊ वालों की नींद उड़ गई
मिल्कीपुर समेत 10 सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे. उसने सपा को समर्थन देने का ऐलान किया. इस बात की अटकलें भी लगाई जा रहीं हैं कि अगर दिल्ली में सपा और AAP का अलायंस सफल रहता है तो यूपी में साल 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में दोनों साथ आ सकते हैं और इससे कांग्रेस को सीटों का नुकसान हो सकता है. ऐसे में कांग्रेस किसी भी कीमत पर अलायंस में अपनी स्थिति को मजबूत रखना चाहती है.
बीते साल लोकसभा चुनाव के बाद संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के बाद यह मांग लगातार उठ रही है कि इंडिया अलायंस का नेतृत्व कांग्रेस के हाथ से लेकर किसी औऱ दल के नेता को दिय जाए. अब यह देखना दिलचस्प है कि दिल्ली चुनाव के परिणाम क्या आएंगे और INDIA अलायंस पर उसका क्या असर पड़ता है!
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