मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझा जा रहा- लोकसभा में अखिलेश यादव का सरकार पर गंभीर आरोप
Samajwadi Party के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

UP Politics: संविधान अंगीकार करने के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लोकसभा में आज शुक्रवार (13 दिसंबर) को चर्चा हुई. इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए.
उन्होंने कहा कि देश के 20 करोड़ नागरिकों, खासकर मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझा जा रहा है. उनके पूजा स्थलों पर कब्जा किया जा रहा है. अगर ये धर्मनिरपेक्षता है तो धर्म शासित राज्य की क्या परिभाषा है. यूपी में कई जगहों पर ऐसी घटनाएं जान बूझकर की गईं.
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कन्नौज सांसद ने पूछा- क्या हम सही में लोकतांत्रिक व्यवस्था में जी रहे हैं. जब चाहे सरकार अपनी मशीनरी के जरिए अपनी सरकार बना रही है. ये तानाशाही की तरफ बढ़ रही है. हिटलर का उदाहरण देकर कहा कि हमारी सरकार भी उसी के समानांतर चलने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि जाति जनगणा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आप करा सकते हैं तो आप कराइए नहीं तो जब कभी भी हमको मौका मिलेगा हम जातिगत जनगणना कराएंगे. आरक्षण का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि यूनिवर्सिटी में लोगों के नाम के आगे NFS लिख दिया जाता है.
संविधान हमारा कवच है- अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि जब तक आर्थिक विषमता नहीं समाप्त होती तब तक न्याय नहीं मिल पाएगा. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ है देशद्रोह? अगर बीजेपी की सोच के नहीं हैं, दूसरे धर्म के हैं, तो दिक्कत है.
भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बोलते हुए सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "यह संविधान हमारा कवच है, हमारी सुरक्षा है, यह हमें समय-समय पर शक्ति प्रदान करता है. संविधान शोषित, उपेक्षित, दमित और वंचितों के अधिकारों का सच्चा संरक्षक है. यह संविधान बहुत बड़ा सहारा है. हमारे जैसे लोगों और देश के कमजोर लोगों के लिए, खासकर पीडीए के लिए संविधान बचाना जीवन-मरण का सवाल है."
Source: IOCL























