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Gyanvapi Case: एएसआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, विवादित परिसर के सर्वेक्षण को दी मंजूरी

UP News: एएसआई की तरफ से कहा गया है कि वाराणसी के विवादित परिसर का सर्वेक्षण एएसआई ने इससे पहले कभी नहीं किया है. अगर कोर्ट आदेश देती है तो एएसआई इस विवादित परिसर का सर्वेक्षण करेंगी.

Gyanvapi Case: वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी केस (Gyanvapi Case) से जुड़े मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. विवादित परिसर का एएसआई (ASI) यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वेक्षण कराए जाने के मामले में आज केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया. यह हलफनामा एएसआई के डायरेक्टर जनरल की तरफ से दाखिल किया गया. अपने इस हलफनामे में एएसआई ने खुद को सर्वेक्षण के लिए सक्षम बताते हुए अपनी तरफ से सहमति दे दी है. एएसआई की तरफ से कहा गया कि अगर कोर्ट सर्वेक्षण का आदेश देती है, तो वह इसे करने के लिए तैयार है. 

एएसआई ने हलफनामे में कही अहम बातें

हलफनामे में कहा गया कि एएसआई इस तरह के मामलों में सर्वेक्षण करने की एक्सपर्ट संस्था है. संस्था सर्वेक्षण के काम के लिए पूरी तरह सक्षम है. उसके पास टेक्निकल एक्सपर्ट की पूरी टीम मौजूद है. संस्था ने इससे पहले देश में सैकड़ों जगहों पर सर्वेक्षण का काम किया भी है. एएसआई ने अपने हलफनामे में देश के अलग-अलग राज्यों में किए गए सर्वेक्षण की जगहों की सूची भी दाखिल की है. एएसआई ने अपने हलफनामे के जरिए सर्वेक्षण को लेकर अपनी सहमति दे दी है. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि विवादित स्थल को लेकर पक्षकारों के जो दावे हैं, एएसआई सर्वेक्षण के बाद इन दावों पर अपनी राय कोर्ट को दे सकती है. 
 
एएसआई के हलफनामे में सर्वेक्षण को लेकर एक और अहम बात कही गई है. एएसआई की तरफ से कहा गया है कि वाराणसी के विवादित परिसर का सर्वेक्षण एएसआई ने इससे पहले कभी नहीं किया है. अगर कोर्ट आदेश देती है तो एएसआई पहली बार इस विवादित परिसर का सर्वेक्षण करेंगी. हाईकोर्ट ने एएसआई के हलफनामे पर पक्षकारों को अपना लिखित जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी है. केस से जुड़े हुए पक्षकार 7 नवंबर तक अपना जवाब कोर्ट में दाखिल कर सकते हैं. अदालत इस मामले में 11 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे से अगली सुनवाई करेगी.
 
11 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान ये भी जानकारी सामने आई है कि ज्ञानवापी विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से अब सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील सीएस वैद्यनाथन दलीलें पेश करेंगे. वैद्यनाथन ने इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है. वह 11 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में मंजूर रहेंगे और हिंदू पक्ष की तरफ से बहस करेंगे. वैद्यनाथन की वजह से ही अदालत ने 11 नवंबर को होने वाली सुनवाई का समय बदल दिया है. यह सुनवाई अब दोपहर 12:00 बजे से होगी. पिछले काफी दिनों से ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में दोपहर 2:00 बजे से होती थी. सीएस वैद्यनाथन ने अयोध्या विवाद में रामलला का केस लड़ते हुए हिंदू पक्ष को जीत दिलाई थी.
 
जानिए क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि वाराणसी की जिला अदालत ने पिछले साल विवादित परिसर का सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने का आदेश दिया था. निचली अदालत के फैसले को ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिछले साल से ही इस मामले में सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा रखी है. एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने के आदेश पर लगी रोक को अब 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. एएसआई के हलफनामे से हिंदू पक्ष खासा उत्साहित है. उसका मानना है कि जब निचली अदालत आदेश दे चुकी है, एएसआई ने सर्वेक्षण को लेकर अपनी सहमति दे दी है तो अब सर्वेक्षण कराकर सच्चाई का पता लगाने में कतई देरी नहीं होनी चाहिए. 
 
 
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