Ayodhya: रामलला के जन्म उत्सव को लेकर अयोध्या में मची धूम, इस बार ये खास पोशाक पहनेंगे भगवान राम
Ram Mandir: रामलला के जन्म उत्सव की धूम अयोध्या में मची है ऐसे में भगवान की पोशाक भी उनके जन्म उत्सव की भव्यता के ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं.

Ram Mandir Ayodhya: भगवान रामलला के जन्म उत्सव की धूम अयोध्या में मची है ऐसे में भगवान की पोशाक भी उनके जन्म उत्सव की भव्यता के ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं भगवान की पोशाक पर गोटे और सितारों की नक्काशी भी की गई है. पोशाक बनाने वाले कारीगर भगवत प्रसाद कहते हैं कि चार पीढ़ियों से वह पोशाक बना रहे हैं और इस बार की पोशाक बेहद खास है.
राम मंदिर विवाद पर फैसला आने के पहले साल में मात्र एक बार ही रामलला के साथ पोशाक हर दिन के हिसाब से बनाई जाती थी लेकिन जब से फैसला आया और ट्रस्ट का गठन हुआ तब से हर उस पर हर मुख्य पर्व पर रामलला के लिए अच्छे से अच्छे पोशाक बनाई जा रही है जिसमें रामलला के साथ उनके चारों भाइयों की पोशाक बनाई जाती है.
पीले रंग की होगी रामलला की पोशाक
इस बार रामलला का जन्मोत्सव रविवार को पड़ रहा है मुख्यतः रविवार के दिन भगवान राम लला को गुलाबी रंग की पोशाक पहनाई जाती है लेकिन जन्मोत्सव को ध्यान में रखते हुए इस बार पीले रंग की पोशाक रामलला के लिए बनाई जा रही है रामलला जन्मोत्सव के बाद पीले रंग की पोशाक में ही श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे रामलला को सुबह इत्र और दूध से अभिषेक के बाद पितांबर कलर की पोशाक पहनाई जाएगी दोपहर 12:00 बजे भगवान राम का जन्म होगा और जन्म के उपरांत भगवान को जो वस्त्र पहनाए जाएगा वह पीले रंग का खास गर्मी के ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है.
रामलला के लिए हर दिन होते है अलग तरह के वस्त्र
रामलला के पोशाक बनाने वाले कारीगर भगवत प्रसाद ने बताया कि रामलला के लिए बहुत ही खूबसूरत पोशाक बनाई जा रही है 7 दिन के साथ तरह के वस्त्र होते हैं रविवार के दिन मुख्यतः गुलाबी रंग का पोशाक रामलला को धारण कराया जाता है लेकिन राम जन्मोत्सव को देखते हुए इस बार पीले रंग का पोशाक तैयार किया गया है इस बार अयोध्या के सभी प्राचीन मंदिरों में भगवान को जन्मोत्सव के मौके पर पीले रंग का ही पोशाक पहनाया जाएगा रामलला को जो वस्त्र पहनाया जाएगा वह शुद्ध कॉटन और कोमल रहेगा.
इसी कपड़े पर गोटा और सितारे लगाकर के भगवान की पोशाक तैयार की जा रही है रामलला की पोशाक सिलने वाले कारीगर कहते हैं कि जब भगवान टेंट में थे तब केवल साल में एक बार ही पोशाक बनती थी जो 7 दिन के हिसाब से बन जाती थी और वही साल भर पोशाक रामलला धारण करते थे लेकिन रामलला के प्रत्येक पर्व पर नवीन वस्त्र सिल रहे हैं और रामलला को दिन के हिसाब से वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं कल सुबह इत्र और दूध से अभिषेक के बाद भगवान पितांबर पोशाक में नजर आएंगे और दोपहर 12:00 बजे जन्म के पश्चात रामलला पीले रंग की विशेष चली गई पोशाक पहनेंगे.
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Source: IOCL






















