UP Nikay Chunav 2023: लखनऊ के इन पार्षदों को नहीं हटा पाई किसी भी सियासी दल की हवा, हर बार मिलती है चुनावी सफलता
Lucknow Nikay Chunav 2023: सुनीता सिंघल और विनोद सिंघल कहते हैं कि नगर निगम स्कूल को ऐसा बनवा दिया कि कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है. अन्य निर्माण कार्य कराए जिससे जनता का विश्वास है.

UP Nagar Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में लखनऊ शहर के विभिन्न वार्ड के पार्षद एक बार फिर जीत का परचम लहराने की उम्मीद से तैयारी में जुट गए हैं. राजधानी लखनऊ में 110 वार्ड हैं, लेकिन इनमें कई वार्ड ऐसे हैं जहां किसी व्यक्ति विशेष या किसी परिवार का ऐसा जलजला है कि उन्होंने जीत का सिलसिला शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसे उनकी अपने क्षेत्र में पैठ कहें या जनता का विश्वास. कुल मिलाकर इन्हें अपने-अपने वार्ड का अंगद कहना शायद गलत नहीं होगा.
नहीं थमने दी साइकिल की रफ्तार
सबसे पहले बात करते हैं राजधानी लखनऊ के उस नजरबाग वार्ड की जिसका नाम इस बार बदलकर यदुनाथ सान्याल-नजरबाग वार्ड कर दिया गया है. वार्ड के एरिया में बदलाव के साथ ही यहां के वोटर्स का समीकरण भी कुछ बदला है. यहां समाजवादी पार्टी के कामरान बेग ने साइकिल की रफ्तार 28 साल से अब तक नहीं थमने दी है. कामरान बेग ने अपना पहला चुनाव 1995 में जीता था. तब इनकी उम्र महज 21-22 साल थी. 1995 से लेकर 2017 तक कामरान बेग लगातार 5 बार पार्षदी का चुनाव जीत कर पार्टी का झंडा बुलंद कर चुके हैं. कामरान का कहना है कि बस क्षेत्र के लिए काम करते हैं और जनता अपना आशीर्वाद देती है. हिन्दू हो या मुसलमान सभी का साथ मिलता है. लगातार क्षेत्र में साफ सफाई, निर्माण कार्य समेत अन्य विकास के काम कराते रहते हैं.
दूसरा नाम है सिंघल दंपत्ति का
इसी कड़ी में दूसरा नाम है सिंघल दंपत्ति का. यानी यदुनाथ सान्याल वार्ड की निवर्तमान पार्षद सुनीता सिंघल और उनके पति पूर्व पार्षद विनोद सिंघल का. वैसे आप भी यदुनाथ सान्याल वार्ड का नाम एक बार फिर से सुनकर चौंक गए होंगे, तो आपको बता दें कि ये वही यदुनाथ सान्याल वार्ड है जिसके साथ नजरबाग वार्ड को मिलकर एक वार्ड कर दिया गया है, जिसका नाम है यदुनाथ सान्याल नजरबाग वार्ड. यदुनाथ सान्याल वार्ड में विनोद सिंघल 1995 में पहली बार भाजपा के टिकट पर पार्षद बने.
इसके बात तब से लेकर 2017 तक कभी विनोद सिंघल तो कभी उनकी पत्नी सुनीता सिंघल पार्षद बनीं. असल में वर्ष 2000 और 2017 में यह सीट पर महिला आरक्षित होने के चलते सुनीता सिंघल ने चुनाव लड़कर कमल खिलाया. सुनीता सिंघल और विनोद सिंघल कहते हैं कि अपने क्षेत्र में नगर निगम के स्कूल को ऐसा बनवा दिया कि किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है. साथ ही तमाम सुंदर पार्क और अन्य निर्माण कार्य कराए जिसकी वजह से जनता का विश्वास है. बहरहाल इतना तो साफ है कि इस बार यदुनाथ सान्याल और नजरबाग वार्ड के मिल जाने से दो महारथी आमने सामने देखने को मिलना लगभग तय है.
कांग्रेस ने ममता चौधरी को बनाया प्रत्याशी
वैसे तो प्रदेश में कांग्रेस की हालत किसी से छुपी नहीं है. 3 दशक से ऊपर का समय हो चुका है, लेकिन कांग्रेस प्रदेश की सत्ता से पूरी तरह दूर है. प्रदेश में सरकार भले किसी की हो, लेकिन मालवीय नगर वार्ड की बात करें तो यहां लगातार 3 बार से ममता चौधरी हाथ के पंजे का निशान लगा रही हैं. यानी कांग्रेस का झंडा यहां बुलंद है. ममता चौधरी ने अपना पहला चुनाव 2006 में महज 21-22 साल की उम्र में लड़ा और इस वार्ड से पार्षद बनीं. इसके बाद जनता का ऐसा विश्वास जीता कि 2012 और 2017 में भी चुनाव जीतीं.
इनके क्षेत्र की जनता कहती है कि पार्षद जी को कभी भी याद करो तो हर सुख दुख में साथ खड़ी होती हैं. नगर निगम सदन में भी क्षेत्र के मुद्दों को मजबूती से उठाती हैं. कांग्रेस ने एक बार फिर से ममता चौधरी को इस वार्ड से प्रत्याशी बनाया है. आज हमने आपको कुछ ऐसे पार्षदों की कहानी सुनाई जिन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का ऐसा दिल जीता है कि हवा किसी भी सियासी दल की हो, लेकिन कोई इन्हें हटा नहीं पाया. निकाय चुनाव से जुड़ी ऐसी ही कुछ और कहानियां जल्द ही फिर आपको एबीपी गंगा पर देखने को मिलेंगी.
Source: IOCL






















