'दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा...', कफ सिरप को लेकर अखिलेश यादव के आरोपों पर बोले CM योगी
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा समाजवादी पार्टी जो अपनी कार्यप्रणाली के लिए पहले से ही बदनाम और कुख्यात रही है इस पूरे मामले में भी अपनी संलिप्तता उजागर होते हुए देखेगी.

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कफ सिरप का मामला गरमा गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कफ सिरप को लेकर अखिलेश यादव के आरोपों पर तंज कसते हुए कहा कि हर व्यक्ति जानता है कि प्रदेश के लगभग हर माफिया के साथ समाजवादी पार्टी के संबंध रहे हैं.
सीएम योगी ने शीतकालीन सत्र के प्रारंभ होने से पहले अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि एसटीएफ या उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई में पकड़े गए कुछ अभियुक्तों के संबंध समाजवादी पार्टी से रहे हैं.
सपा की हर माफिया के साथ संलिप्तता
मुख्यमंत्री ने कहा समाजवादी पार्टी, जो अपनी कार्यप्रणाली के लिए पहले से ही बदनाम और कुख्यात रही है, इस पूरे मामले में भी अपनी संलिप्तता उजागर होते हुए देखेगी. इस विषय में पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम रूप से कुछ कहा जा सकता है. लेकिन इतना अवश्य कहा जा सकता है कि सपा प्रमुख द्वारा जो बातें कही जा रही हैं, उनकी स्थिति वही है कि- “यही कसूर मैं बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा.”
दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि इस मामले में जिन माफियाओं के साथ उनकी तस्वीरें सामने आ रही हैं, स्वाभाविक रूप से अवैध लेन-देन में उनकी संलिप्तता कहीं न कहीं सामने आएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जांच होने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
कोडीन मामले की जांच पर बोले योगी
कोडीन मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोडीन फॉस्फेट एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत आने वाली एक औषधि है. इसका उपयोग कोडीन-युक्त कफ सिरप के निर्माण में किया जाता है, जो गंभीर खांसी के उपचार में प्रयुक्त होता है. इसका कोटा और आवंटन सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा केवल अधिकृत औषधि निर्माण के लिए ही किया जाता है.
उन्होंने कहा कि यह कफ सिरप कई स्थानों पर नशीले पदार्थ के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा था. अवैध तस्करी की शिकायतें मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्रवाई की गई. यूपी पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के नेतृत्व में इसे एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत मानते हुए कार्रवाई प्रारंभ की गई.
एसआईटी कर रही मामले की जांच
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कार्रवाई एफएसडीए, यूपी पुलिस और एसटीएफ द्वारा की जा रही है, जिसमें अब तक बड़े पैमाने पर अवैध तस्करी के मामलों का खुलासा हुआ है और व्यापक गिरफ्तारियां भी की गई हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निगरानी एक राज्य-स्तरीय एसआईटी कर रही है, जिसमें यूपी पुलिस और एफएसडीए के अधिकारी शामिल हैं. अवैध तस्करी से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे धन कहां-कहां गया, इन सभी तथ्यों का भी खुलासा होगा.
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