Uttarakhand: उत्तराखंड में पेपर लीक मामला, SIT करेगी छात्रों और कोचिंग संचालकों के साथ बैठक
Uttarakhand News: 21 सितंबर UKSSSCस्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित की गयी, जिसमें ग्रुप सी के कई पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से पेपर बाहर भेजे जाने की शिकायतें सामने आईं.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में पेपर लीक को लेकर धामी सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है. सीएम धामी ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, जिसमें एसआईटीम टीम जनसंवाद बैठकें करने जा रहीं हैं. जिसमें छात्रों के साथ अभिभावक और कोचिंग संचालक भी अपनी बात रख सकते हैं.
एसआईटी की पहली बैठक 27 सितंबर को हरिद्वार और दूसरी 29 सितंबर को टिहरी गढ़वाल में होगी. यहां शिकायतकर्ता अपनी सूचनाएं साझा कर सकते हैं.
क्या है पेपर लीक मामला ?
बता दें कि बीते 21 सितंबर UKSSSCस्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित की गयी. जिसमें ग्रुप सी के कई पदों पर भर्ती होनी थी. लेकिन इस परीक्षा की शुचिता तब प्रश्न उठे जब हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से पेपर बाहर भेजे जाने की शिकायतें सामने आईं. इसके बाद परीक्षार्थियों ने आन्दोलन शुरू कर दिया और परीक्षा रद्द करने की मांग रख दी. राज्य सरकार ने तत्काल SIT का गठन किया गया.
ॉ24 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर SIT एक महीने में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. चूँकि इससे पहले भी आयोग की परीक्षा में पेपर लीक हो चुके हैं, लिहाजा अभ्यर्थियों का विश्वास जीतना चुनौती बन चुका है. इस बार नकल माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाते हुए कई गिरफ्तारियां और निलंबन हो चुके हैं, जिसमें एक असिस्टेंट प्रोफेसर और दो पुलिसकर्मी शामिल हैं.
SIT का जनसंवाद करने का फैसला
SIT ने जांच को जनभागीदारी से मजबूत बनाने के लिए विशेष कदम उठाया है. जिसमें टीम ने अभ्यर्थी, अभिभावक और कोचिंग संचालकों के साथ आम नागरिकों से भी आह्वान किया है. यहां परीक्षा से जुड़ी शंकाएं, प्रश्न और कोई भी सूचना SIT के समक्ष रखी जा सकती है. ये बैठकें दो दिन रखी गयीं हैं.
- 27 सितंबर 2025: हरिद्वार जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में, दोपहर 12:00 से 1:00 बजे तक.
- 29 सितंबर 2025: टिहरी गढ़वाल जिले के कलेक्टर सभागार में, दोपहर 12:00 से 1:00 बजे तक.
उत्तराखंड में पेपर लीक मामला अब बड़ा आन्दोलन बन चुका है अभ्यर्थियों के समर्थन में विपक्षी दल भी आ गए हैं. उन्होंने धामी सरकार पर सवाल उठाते हुए परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने की मांग की है.
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