बिस्तर और शौचालय में बैठकर भी कर सकते हैं नाम जप? प्रेमानंद महाराज ने दिया ये जवाब
UP News: स्वामी प्रेमानंद महाराज वृन्दावन के जाने-माने संत हैं, जिन्हें उनकी स्पष्ट और व्यावहारिक शिक्षाओं के लिए जाना जाता है. उनसे बड़े-बड़े सेलिब्रिटी लोग भी मिलने उनके आश्रम में आते हैं.

वृन्दावन के प्रख्यात धर्म और आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेमानंद महाराज ने एक भक्त के सवाल पर स्पष्ट किया कि भगवान का नाम जपना कहीं भी, किसी भी स्थिति में किया जा सकता है, यहां तक कि बिस्तर या शौचालय में भी. लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि गुरु मंत्र का जप ऐसे बिस्तर पर नहीं किया जा सकता, जिसका प्रयोग गृहस्थ धर्म (शारीरिक संबंध) के लिए होता है. इस बयान ने आध्यात्मिक प्रथाओं और नियमों को लेकर एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है.
स्वामी प्रेमानंद महाराज ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के माध्यम से इस विषय पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि भगवान का नाम जपना किसी भी स्थान पर, किसी भी समय किया जा सकता है. इसमें कोई नुकसान नहीं है. लेकिन गुरु मंत्र का जप ऐसे बिस्तर पर नहीं किया जा सकता, जहां गृहस्थ धर्म के कार्य किए जाते हैं. यह बयान आध्यात्मिक जीवन में नियमों और लचीलापन के बीच संतुलन स्थापित करता है.
बता दें कि स्वामी प्रेमानंद महाराज वृन्दावन के जाने-माने संत हैं, जिन्हें उनकी स्पष्ट और व्यावहारिक शिक्षाओं के लिए जाना जाता है. उनका यह बयान उन भक्तों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है, जो नियमों को लेकर भ्रम में रहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भगवान का नाम जपना मन की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन गुरु मंत्र का जप अधिक पवित्रता और अनुशासन के साथ किया जाना चाहिए.
प्रेमानंद जी बयान पर सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू
प्रेमानंद जी के इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी खासी चर्चा बटोरी है. कई भक्तों ने स्वामी जी की राय का स्वागत किया, जबकि कुछ ने नियमों की सख्ती पर सवाल उठाए. इससे पहले भी प्रेमानंद जी ने कई विषयों को बेहद तार्किक ढंग से भक्तों को समझाया और धर्म में आडम्बरों से दूर रहने की सलाह दी.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























