AMU ने रचा इतिहास, सर सैयद डे के मौके पर NIRF रैंकिंग की टॉप 10 की लिस्ट में बनाई जगह
Aligarh News: AMU एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष-10 संस्थानों में शामिल हो गया है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को सर सैयद दिवस के मौके पर यह उपलब्धि हासिल हुई है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में संस्थापक और आधुनिक भारत के महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान की 208वीं जयंती पर गुरुवार को एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय के सर सैयद पार्क में शिक्षाओं, विचारों और योगदानों की गूंज से सराबोर रहा. समारोह में देश-विदेश के शिक्षाविदों, न्यायविदों, वैज्ञानिकों, लेखकों और छात्रों ने शिरकत की.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अब्दुल शाहिद थे. उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि सर सैयद अहमद खान द्वारा प्रज्वलित दीप हमेशा हमारा मार्गदर्शन करेगा. उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि एक जागरूक व्यक्ति लाखों लोगों के भाग्य को बदल सकता है.
सर सैयद डे पर क्या बोले मुख्य अतिथि?
न्यायमूर्ति शाहिद ने अपने 41 वर्षों के अनुभव का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा, लगन और नैतिक उद्देश्य व्यक्ति को उसके सपनों की प्राप्ति में सक्षम बनाते हैं. उन्होंने सर सैयद के प्रसिद्ध संदेश को दोहराया. किसी राष्ट्र की प्रगति के लिए सबसे पहला आवश्यक तत्व समाज के विभिन्न वर्गों में भाईचारा और एकता है.
उन्होंने आगे कहा, अज्ञानता गरीबी की जननी है और शिक्षा इसका एकमात्र समाधान है. उन्होंने छात्रों को बुरी आदतों से दूर रहने, लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने और असफलता से निराश न होकर उससे प्रेरणा लेने की सलाह दी.
शिक्षा और विज्ञान का सेतु बनें सर सैयद के विचार
मानद अतिथि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष एवं चाणक्य विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के चांसलर डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि सर सैयद ने शिक्षा को आधुनिक विज्ञान, नैतिकता और विश्वास का संगम बनाया. उन्होंने कहा, 'ज्ञान की खोज केवल प्रयोगशाला में नहीं होती, बल्कि यह एक सतत यात्रा है जो जिज्ञासा, सहयोग और नैतिक उद्देश्य से प्रेरित होती है.'
वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रकाशक, पेंगुइन रैंडम हाउस, ने अपने संबोधन में कहा कि सर सैयद के विचार आज भी युवाओं को दिशा देते हैं. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें, लेकिन ऊंचे लक्ष्य भी निर्धारित करें. उन्होंने कहा, 'धैर्य, परिश्रम और निरंतर प्रयास ही महानता की सच्ची कुंजी हैं.'
विश्वविद्यालय की उपलब्धि पर कुलपति ने जताया गर्व
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नइमा खातून ने सर सैयद को 'विचारों का आर्किटेक्ट, समाज सुधारक और जनता के लिए दीपक स्वरूप शिक्षक' बताया. उन्होंने विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि एएमयू आज भी अपने संस्थापक के सपनों को साकार कर रहा है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय एनआईआरएफ में शीर्ष-10 संस्थानों में शामिल हुआ है.
इसके अलावा एएमयू को भारत के जियोस्पेशियल मिशन में योगदान के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटी अवॉर्ड मिला है. विश्वविद्यालय परिसर में 6.5 मेगावाट सौर ऊर्जा विस्तार परियोजना लागू की जा रही है, वहीं डीएसटी-टीबीआई के तहत 5 करोड़ रुपये के अनुदान से 'एएमयू इनोवेशन फाउंडेशन' की स्थापना की गई है. कुलपति ने छात्रों से कहा कि वे 'ज्ञान का उपयोग जिम्मेदारी से करें' और तकनीक, कोड और नवाचार के माध्यम से समाज को आगे बढ़ाने में योगदान दें.
पुरस्कारों से सम्मानित हुए शिक्षाविद
सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कारों से सम्मानित हुए शिक्षाविद कार्यक्रम में बैलियोल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रो. फैसल देवजी को अंतर्राष्ट्रीय और शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल कादिर को राष्ट्रीय 'सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार' से सम्मानित किया गया.
प्रो. फैसल देवजी ने कहा कि उनका प्रारंभिक शोध कार्य अलीगढ़ आंदोलन पर आधारित था और यह आंदोलन आज भी भारतीय समाज की बौद्धिक दिशा तय करता है. डॉ. अब्दुल कादिर ने सर सैयद से प्रेरणा लेकर शाहीन स्कूलों के माध्यम से धार्मिक और आधुनिक शिक्षा के समन्वय की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य बच्चों के लिए ध्यानमुक्त, अनुशासित और प्रेरणादायक शिक्षण वातावरण तैयार करना है, जिससे नई पीढ़ी राष्ट्र निर्माण में सार्थक भूमिका निभा सके.'
निबंध प्रतियोगिता में छात्रों की प्रतिभा चमकी
'सर सैयद अहमद खान और अलीगढ़ आंदोलनः भारत में धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के प्रति एक तार्किक दृष्टिकोण' विषय पर आयोजित अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को कुलपति प्रो. नइमा खातून और प्रो-वाईस चांसलर प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान ने सम्मानित किया.
अंग्रेजी वर्ग में तूबा शम्सी (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) को प्रथम, स्तुति नारायण (नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद) को द्वितीय और यानिस इकबाल (एएमयू) को तृतीय पुरस्कार मिला.
उर्दू वर्ग में ताहिर हुसैन, आफरीन रजा और अबू दाऊद को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. हिंदी वर्ग में मोहम्मद सुहैब (बी.ए.एलएल.बी.), आजरा फातिमा सिद्दीकी (बी.कॉम.) और सलमा अशफा खान (पीएच.डी.) विजेता रहे.
श्रद्धांजलि और प्रदर्शनी
समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय मस्जिद में कुरआन-ख्वानी से हुई, जिसके बाद सर सैयद के मजार पर चादरपोशी की गई. इस अवसर पर कुलपति ने विशिष्ट अतिथियों के साथ सर सैयद अकादमी और मौलाना आजाद पुस्तकालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
प्रदर्शनी में सर सैयद की दुर्लभ रचनाएं और उनके जीवन पर आधारित पुस्तकें प्रदर्शित की गईं.साथ ही 'अलीगढ़ इंस्टिट्यूशनल गजट के डिजिटल आर्काइव्स' का शुभारंभ भी किया गया, जिससे शोधार्थियों को ऐतिहासिक दस्तावेजों तक ऑनलाइन पहुंच मिलेगी.
समारोह का शानदार समापन
कार्यक्रम का संचालन डॉ. शारिक अकील और डॉ. फायजा अब्बासी ने किया. प्रो. आसिम जफर ने स्वागत भाषण दिया और प्रो. रफीउद्दीन (डीन, छात्र कल्याण) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया.
समारोह का समापन विश्वविद्यालय तराना और राष्ट्रगान के साथ हुआ. इसके बाद एएमयू के सभी आवासीय हॉलों में पारंपरिक सर सैयद डिनर का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों, अधिकारियों और पूर्व छात्रों ने भाग लिया.
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Source: IOCL





















