Ayodhya News: चंपत राय ने सबकुछ किया साफ, बताया किस दिन मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला
Shree Ram Mandir Inaguration: चंपत राय ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की मूर्ति 51 इंच की होगी. मूर्ति गर्भगृह में बने चबूतरे पर स्थापित की जाएगी. चबूतरे की ऊंचाई लगभग 1 फुट होगी.
Shree Ram Mandir Temple: अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि परिसर स्थित निर्माणाधीन भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Shri Ram Janmabhoomi Temple) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ट्रस्ट ने बहुत कुछ साफ कर दिया है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) की मानें तो सूर्य के दक्षिणायन में जाने से पहले दिसंबर 2023 में या फिर सूर्य के उत्तरायण में आने वाले दिन जनवरी 2024 में मकर संक्रांति को रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसी के साथ उन्होंने साफ किया कि रामलला की मूर्ति 51 इंच अर्थात 4 फुट 3 इंच की होगी, जो गर्भगृह में बने चबूतरे पर स्थापित होगी.
अस्थाई मंदिर में अंतिम बार मनेगा जन्मोत्सव
चंपत राय ने स्पष्ट किया कि रामलला के अस्थाई मंदिर से गर्भ ग्रह में विराजमान होने के पहले यह आखिरी रामनवमी है. इसलिए अस्थाई मंदिर के साथ-साथ निर्माणाधीन मंदिर को भी फूलों से सजाया जाएगा. इसके साथ ही यहां पर रामलला का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. चंपत राय ने बताया कि निर्माण स्थल व गर्भगृह की फूलों से सज्जा की कोशिश की जाएगी. एक लाख लोगों को भगवान के जन्म का प्रसाद मिले, उतने की तैयारी है. उन्होंने बताया कि 12ः00 बजे आरती होगी, बाकी जो परंपरा है, वह किया जाएगा.
क्राउड मैनेजमेंट पर मंथन कर रहा ट्रस्ट
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में जब राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उस समय बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंचेंगे. इसलिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट क्राउड मैनेजमेंट को लेकर मंथन में जुटा हुआ है. आपको बता दें कि इस वर्ष 22 दिसंबर को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर जाएंगे. वास्तव में सूर्य की दो स्थितियां होती हैं, उत्तरायण और दक्षिणायन. शास्त्रों की बात करें तो उत्तरायण को किसी शुभ कार्य के लिए सबसे उचित समय माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन को सबसे पवित्र मूहर्त भी कहते हैं, इसलिए ट्रस्ट इस खास दिन पर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का संकेत दे रहा है.
दिसंबर में हो या जनवरी में एक ही बात
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि रेलवे की एक बड़ी संस्था है राइटस, उसके भी दो व्यक्ति आज की बैठक में थे. इस बार इस पर चर्चा की गई कि जब अधिक संख्या में जनता आती है, तो उसका नियंत्रण कैसे होगा. वह किस रूप में चलें, ताकि कहीं भी शहर में या मंदिर में जाम न लगे. क्राउड मैनेजमेंट वह लोग भी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि इस बार की बैठक में निर्माण कार्यों का निरीक्षण अधिक हुआ. कल भी बहुत छोटी-छोटी बातों का जो हो रहा है, उसको देखा गया और जो लक्ष्य है वह प्राप्त हो, इस पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 में प्राण प्रतिष्ठा हो या जनवरी में मकर संक्रांति पर, दोनों एक ही बात है.
एक फुट ऊंचे चबूतरे पर विराजमान होंगे रामलला
चंपत राय ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का समय तो हमने आपको बता दिया. अब हम बताते हैं कि रामलला की मूर्ति 51 इंच की होगी यानी 4 फुट 3 इंच की. रामलला की मूर्ति का निर्माण होगा, जो गर्भगृह में बने चबूतरे पर स्थापित की जाएगी. उस चबूतरे की ऊंचाई लगभग 1 फुट की होगी. उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश होगी अप्रैल के पहले सप्ताह में मूर्ति का निर्माण शुरू हो जाए. 51 इंच की खड़ी मूर्ति बनेगी.
इस बार की रामनवमी रामलला के लिए खास
चंपत राय ने बताया कि रामलला के गर्भगृह में विराजमान होने के पहले अस्थाई मंदिर में उनका आखिरी जन्मोत्सव है. इसलिए अस्थाई मंदिर को फूलों से सजाया गया है. यह साज-सज्जा बताती है कि इस बार का जन्मोत्सव रामलला के लिए खास है. उन्होंने बताया कि यह खास है उस नव निर्माणाधीन मंदिर के लिए भी, जहां रामलला मकर संक्रांति के दिन विराजमान होने वाले हैं. इसलिए नव निर्माणाधीन मंदिर को भी फूलों से सजाया जाएगा. दर्शन करने आने वाले 1 लाख श्रद्धालुओं को रामलला का विशेष प्रसाद भी दिया जाएगा.
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