अमेठी में शहरुन खान से मोनी बनी युवती ने सोनू पासी संग रचाई शादी, हर तरफ हो रही चर्चा
Amethi News: अमेठी और सुलतानपुर से जुड़े इस मामले ने सामाजिक, धार्मिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ी बड़ी बहस को जन्म दिया है. दोनों काफी समय से एक-दूसरे के संपर्क में थे.

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में शहरुन खान की घर वापसी और विवाह का मामला इन दिनों पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. पड़ोसी जिलों अमेठी और सुलतानपुर से जुड़े इस मामले ने सामाजिक, धार्मिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ी बड़ी बहस को जन्म दिया है. शहरुन खान ने अमेठी जिले के सोनू पासी से विवाह कर अपने जीवन का नया अध्याय शुरू किया है. अब वह मोनी पासी के नाम से जानी जाएंगी.
जानकारी के अनुसार सोनू पासी पुत्र हौसिला पासी निवासी सधई राय का पुरवा थाना मुसाफिरखाना का रहने वाला है. लड़की शहरुन खान सुलतानपुर जिले के अलीगंज चौकी क्षेत्र अंतर्गत ऊंचगांव तेलियानी की निवासी बताई जाती है. दोनों काफी समय से एक-दूसरे के संपर्क में थे और शादी का फैसला आपसी सहमति से लिया गया.
हिंदू रीति-रिवाज से हुआ विवाह
प्राप्त जानकारी के मुताबिक दोनों ने पहले कानूनी प्रक्रिया के तहत कोर्ट मैरिज की. इसके बाद परिवार और सामाजिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए हिंदू रीति-रिवाज से पूरी विधि-विधान के साथ विवाह संपन्न किया गया. विवाह समारोह सरल और पारंपरिक वातावरण में संपन्न हुआ.
आश्रम पहुंचकर मौनी महाराज से लिया आशीर्वाद
विवाह उपरांत नवदंपत्ति अमेठी के प्रसिद्ध स्वामी परमहंस आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने मंदिरों में माथा टेकते हुए मां भगवती से अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति की कामना की. आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी महाराज ने नवविवाहित दंपति को आशीर्वाद दिया.
मौनी महाराज ने कराई घर वापसी
इस दौरान मौनी महाराज ने शहरुन खान की घर वापसी की प्रक्रिया पूरी कराई. धार्मिक परंपराओं के अनुरूप पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच शहरुन खान को नया नाम मोनी प्रदान किया गया. इसके बाद से उन्हें मोनी पासी के नाम से जाना जाएगा आश्रम में मौजूद भक्तों और आगंतुकों ने तालियों और शुभकामनाओं के साथ नवदंपति का स्वागत किया.
सादगीपूर्ण रहा पूरा कार्यक्रम
आश्रम परिसर में पूरा वातावरण शांत और सादगीपूर्ण रहा. बिना किसी औपचारिकता और शोहरत के नवदंपति ने पारंपरिक विधि से पूजा-अर्चना की. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आयोजन सामाजिक समरसता और सौहार्द का उदाहरण है. कई लोगों ने कहा कि व्यक्तिगत जीवन से जुड़े निर्णयों का सम्मान किया जाना चाहिए और ऐसी पहलें समाज में सकारात्मक संदेश देती हैं.
लोगों की प्रतिक्रियाएं और संदेश
स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक व्यक्तियों की प्रतिक्रिया भी इस मामले पर सकारात्मक रही है. लोगों का मानना है कि विवाह और आस्था का संबंध पूरी तरह से व्यक्तिगत होता है और इसमें समाज का दखल केवल सहयोग और सद्भाव के रूप में होना चाहिए, न कि विरोध के रूप में.
अपनी शादी पर क्या बोलीं शहरुन खान?
नई पहचान के साथ जीवन की शुरुआत करने वाली मोनी पासी ने बताया कि वह अपने वैवाहिक जीवन में शांति, सम्मान और प्रेम की अपेक्षा रखती हैं. उन्होंने कहा कि आश्रम में मिला आशीर्वाद उनके लिए एक आध्यात्मिक शक्ति का कार्य करेगा. उन्होंने आगे बताया कि वह बिना किसी जोर दबाव के अपनी मर्जी से अपना विवाह सोनू के साथ किया है.
स्थानीय स्तर पर बढ़ी चर्चा
अमेठी और आसपास के जिलों में यह मामला तेजी से चर्चा में है। सोशल मीडिया पर भी इस विवाह और घर वापसी को लेकर प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं. कई लोग इसे धार्मिक परिवर्तन और सामाजिक स्वतंत्रता का मामला मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे व्यक्तिगत अधिकारों के सम्मान का उदाहरण बता रहे हैं.
कुल मिलाकर शहरुन खान उर्फ मोनी पासी और सोनू पासी का विवाह तथा आश्रम में घर वापसी की प्रक्रिया स्थानीय चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है. यह मामला यह भी दर्शाता है कि आज के समय में व्यक्तिगत निर्णय और आस्था के मामलों में पारस्परिक सम्मान कितना महत्वपूर्ण हो गया है.
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Source: IOCL





















