मुरादाबाद में सपा कार्यालय खाली कराने पहुंची प्रशासन की टीम, 4 दिन की मोहलत देकर वापस लौटी
Moradabad News: मुरादाबाद में प्रशासन की टीम सपा कार्यालय को खाली कराने के लिए पहुंच गई. सपा के जिलाध्यक्ष की विनती पर अब ऑफिस को 11 अक्टूबर तक खाली करने के निर्देश दिए गए हैं.

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में नोटिस की समय सीमा समाप्त होने के बाद समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय को खाली कराने के लिए प्रशासनिक अमला पुलिस फ़ोर्स के साथ सपा कार्यालय पहुंचा लेकिन वहां समाजवादी पार्टी की मीटिंग चल रही थी.
जिला अध्यक्ष जयवीर यादव के अनुरोध करने के बाद जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय को खाली करने के लिए पार्टी नेताओं को चार दिन की मोहलत दे दी है. अब 10 अक्टूबर के बाद ही जिला प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करेगा.
ऑफिस खाली कराने पहुंची प्रशासन की टीम
सोमवार को प्रशासन की टीम सपा कार्यालय को खाली कराने के लिए पहुंच गई, टीम का नेतृत्व एसीएम प्रथम प्रिंस वर्मा कर रहे थे. टीम में सदर तहसीलदार आईएएस आदित्य श्रीवास्तव और सीओ सिविल लाइंस कुलदीप गुप्ता भी शामिल थे. टीम के पहुंचने पर सपा कार्यालय में सपा के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की 10 अक्टूबर को पुण्यतिथि है. सपाई इसी की तैयारी को लेकर बैठक कर रहे थे.
जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह, पूर्व विधायक हाजी रिजवान आदि ने टीम में शामिल अधिकारियों से बात की सपा नेताओं ने कहा कि मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि के कार्यक्रम की तैयारी चल रही है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है. इसलिए अभी कार्यालय को खाली नहीं किया जा सकता है. प्रशासन की टीम वार्ता के बाद सपा नेताओं को चार दिन की मोहलत देकर लौट आई.
इस दिन करेगी टीम कार्रवाई
बता दें 11 अक्टूबर को प्रशासन की टीम सपा कार्यालय खाली कराने के लिए कार्रवाई करेगी. सपा कार्यालय का आवंटन प्रशासन ने 16 सितंबर को निरस्त कर दिया था. प्रशासन की ओर से दिए गए नोटिस में साफ लिखा गया था कि यह नजूल की भूमि है जो नगर निगम के प्रबंध क्षेत्र में आती है.
13 जुलाई 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के नाम 250 रुपये मासिक किराये पर आवंटित किया गया था. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस भवन का नामांतरण सपा द्वारा नहीं किया गया, जिससे अब प्रशासन ने इसे कब्ज़ा लेने का औपचारिक कदम बना दिया है एडीएम वित्त ममता मालवीय ने सपा जिलाध्यक्ष को पूर्व में भेजे गए नोटिस में साफ कहा था कि भवन को एक महीने के भीतर खाली कर जिला प्रशासन को सौंपें, अन्यथा प्रतिदिन एक हजार रुपये का हर्जाना वसूला जाएगा.
निरस्त हो चुका है आवंटन
शासनादेश के अनुसार किसी भी आवासीय या व्यावसायिक भवन का आवंटन 15 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि उक्त सपा भवन को 30 साल से अधिक समय हो चुका है. यही कारण है कि अब प्रशासन ने कार्रवाई का निर्णय लिया और भवन को नगर निगम के कब्ज़े में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने बताया कि प्रशासन की ओर से प्राप्त नोटिस पर विधि-संबंधी सलाह ली जा रही है और जल्द ही इसका औपचारिक जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्टी स्थिति का मूल्यांकन कर रही है और कानूनी मार्ग अपनाएगी. मुरादाबाद में इस आदेश के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. शहर के राजनीतिक समीकरणों पर इस फैसले का सीधा असर पड़ सकता है.
प्रशासन और सपा के बीच टकराव की आशंका
आशंका भी जताई जा रही है. यह मामला मुरादाबाद के राजनीतिक इतिहास में एक संकेतक घटना के रूप में देखा जा रहा है, जो बताता है कि प्रशासन किसी भी अनियमितता पर कैसे सख्ती दिखा सकता है. आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि सपा किस तरह से इस नोटिस का जवाब देती है और भवन के भविष्य को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं.
Source: IOCL























