Pilibhit News: टाइगर रिजर्व में घूमते हुए बाघ का वीडियो Viral, वन विभाग अलर्ट, मॉनिटरिंग भी शुरू
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) का रविवार को एक सैलानी ने बाघ का घूमते हुए वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल किया है. जिसपर वन विभाग अलर्ट हो गया.

UP News: पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) इन दिनों सैलानियों को खूब लुभा रहा है. जिसको लेकर यहां आने वाले सैलानियों को बाघ के खूब दीदार करने को भी मिल रहे हैं. ऐसा ही रविवार को एक सैलानी ने बाघ के विचरण करते हुए वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल किया है. वहीं विचरण करते बाघ की सूचना को लेकर वन विभाग अलर्ट मोड आ गया और बाघ की मॉनिटरग करने में जुट गया है.
संरक्षण के बना है प्राधिकरण
तराई क्षेत्र के जंगल के अंदर कल-कल करती नहरे बाघ के लिए शुभ संकेत है. जहां पानी और घना जंगल होगा उसी स्थान पर बाघों की संख्या अधिक होगी. जंगल के अंदर प्राकृतिक स्रोतों की बहुलता और बेहतर जलवायु की वजह से बाघों का परिवार बढ़ रहा है. जो आने वाले समय के लिए वन्य जीव संरक्षण हेतु पीलीभीत टाईगर रिजर्व और वन्य जीव प्रेमियों के लिए भी शुभ संकेत है. जंगल की खुली सीमा होने की वजह से अक्सर बाघ सैलानियों को विचरण करते मिल ही जाता है. राष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली का गठन है. जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अध्यक्ष हैं.
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कितनी है संख्या
तराई के पीलीभीत टाइगर रिजर्व सिंगल पांच रेंज माला महो हरिपुर, गढा और न्यूरिया में 71,288 हेक्टेयर में फैला हुआ है. जिसमें लगभग हजारों की संख्या में वन्य जीव स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं. नई गणना के अनुसार यह संख्या 65 से अधिक पहुंच चुकी है. जंगल की खुली सीमा होने के चलते अक्सर वन्य जीव खेतों और आबादी की ओर भी रूख करते देखे जाते हैं. जिसको लेकर सुरक्षा के नाम पर कोई खास व्यवस्था नहीं है. जंगल के अंदर नहरें नजर आती हैं जो बाघों के लिए प्रधान हैं. जंगल में स्वच्छंद विचरण करने के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों की बहुलता यहां पर बाघों और वन्य जीवों के लिए अपनी आसानी से प्यास बुझाता है और शिकार भी आसानी से मिलता है.
टाइगर रिजर्व को दिया जा चुका है अवार्ड
जंगल की लंबाई-चौड़ाई कम है. इस वजह से कई बार वन्य जीव आबादी की ओर रूख कर जाते हैं. जिसके लिए बफर जोन एरिया बढ़ाए जाने की जरूरत है. टाइगर रिजर्व डीएफओ नवीन खंडेलवाल का कहना है कि वन्य जीव संरक्षण की दिशा में काम लगातार किए जा रहे हैं. छोटी-छोटी बाघ मित्रों की टीमें गठित की गई हैं. जंगल के किनारे स्थित ग्रामीण इलाको में लगातार टीमें लगा कर वन्यजीव और मानव संघर्ष की घटनाओं से बचाव के लिए जागरूक भी किया जाता है. आपको बता दें कि बाघों की बढ़ती संख्या और वन्य जीव संरक्षण को लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.
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Source: IOCL





















