कश्मीर में आतंकी हमले के बाद दून घाटी में पर्यटन को झटका, 100 फीसदी तक कैंसिल हुईं बुकिंग्स
पर्यटन विशेषज्ञों की मानें तो यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो इसका असर आगामी महीनों में भी देखने को मिलेगा.

पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने दून घाटी के पर्यटन प्रेमियों में दहशत पैदा कर दी है. गर्मियों की छुट्टियों में कश्मीर की वादियों में समय बिताने का सपना संजोए देहरादून के सैकड़ों पर्यटक अब अपना प्लान बदल रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि दून के टूर ऑपरेटर्स के पास बुधवार को पूरे दिन फोन कॉल्स की भरमार रही, जिनका मकसद सिर्फ एक था-बुकिंग कैंसिल कराना.
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह पहला ऐसा मौका है जब कश्मीर जाने वाली लगभग सभी बुकिंग्स रद्द की जा रही हैं. दून के प्रमुख ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि इस साल अप्रैल और मई के लिए कश्मीर जाने वालों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर थी, लेकिन हमले के बाद लोग अब किसी भी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं.
दून टूर्स एंड ट्रेवेल्स के संचालक सुधीर कुमार बताते हैं कि पहलगाम में हुए हमले ने पर्यटकों का मनोबल तोड़ दिया है. "लोगों में इतना डर है कि कोई भी जम्मू-कश्मीर की तरफ जाने को तैयार नहीं है. बुधवार को 100 फीसदी कॉल्स सिर्फ बुकिंग कैंसिल कराने के लिए ही आईं," वे बताते हैं.
सुधीर के अनुसार अप्रैल में उनके पास कश्मीर के लिए 35 बुकिंग्स थीं, जिन्हें एक ही दिन में रद्द कर दिया गया. कुछ लोग तो स्वयं ही ऑनलाइन अपनी टिकट और होटल बुकिंग्स कैंसिल कर रहे हैं, वहीं कई लोग अपने टूर एजेंट्स के जरिए यह प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं.
कंफर्ट टूर्स के संचालक मनीष शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर फिर से पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बन गया था. "अप्रैल माह में दून से करीब 200 लोगों का कश्मीर टूर शेड्यूल था. फ्लाइट, होटल और लोकल ट्रांसपोर्ट सब कुछ पहले ही बुक हो चुका था. लेकिन अब इनमें से कोई भी वहां नहीं जाना चाहता. सब अपने प्लान बदल रहे हैं और दूसरे पर्यटन स्थलों के बारे में पूछताछ कर रहे हैं," उन्होंने कहा
टूर ऑपरेटर मुकेश शर्मा का कहना है कि देहरादून से कश्मीर जाने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे जो अपनी निजी गाड़ियों से सफर करने वाले थे. "इन लोगों ने आसानी से अपना टूर कैंसिल कर दिया. वहीं फ्लाइट से जाने वाले लोग अब टिकट और अन्य बुकिंग्स कैंसिल कराने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं.
दून के व्यापारी संदीप जैन बताते हैं कि उनका परिवार और कुछ मित्र मई के पहले सप्ताह में कश्मीर जाने वाला था, लेकिन अब उन्होंने वह प्लान रद्द कर दिया है. "हम अब किसी वैकल्पिक स्थान की योजना बना रहे हैं. कश्मीर जैसी स्थिति में जाना अब सुरक्षित नहीं लगता.
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इस बीच कुछ लोग जो पहले से कश्मीर में हैं, वे अब सुरक्षित लौटने के प्रयास में जुटे हैं. दून के टैक्सी ऑपरेटर्स के पास लगातार कॉल्स आ रही हैं. लोग उनसे कश्मीर से देहरादून वापस लौटने के लिए टैक्सी की उपलब्धता के बारे में पूछ रहे हैं. कुछ ऑपरेटर्स से टैक्सी भेजने की व्यवस्था के लिए भी संपर्क किया जा रहा है.
पर्यटन उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि यह घटना केवल भावनात्मक नहीं, आर्थिक रूप से भी झटका है. कश्मीर का पर्यटन पहले ही संवेदनशील माना जाता है और इस तरह की घटनाएं पूरे क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय पर असर डालती हैं. देहरादून जैसे क्षेत्रों में गर्मियों के मौसम में कश्मीर की बुकिंग्स से अच्छी-खासी आमदनी होती है, जो अब बुरी तरह प्रभावित हुई है.
अब यह देखना होगा कि जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए किस प्रकार के सुरक्षा उपाय करती हैं ताकि पर्यटकों का विश्वास फिर से बहाल हो सके.
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Source: IOCL























