UP News: एटा मेडिकल कॉलेज का ऑक्सीजन प्लांट 1 हफ्ते से खराब, मरीजों को उठानी पड़ रही है मुसीबतें
उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में एटा मेडिकल कॉलेज में कोरोना बीमारी से लडने के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड से बनाया गया पीएसए ऑक्सीजन प्लांट खराब पड़ा है. पिछले एक सप्ताह से ये प्लांट काम नही कर रहा है.

Etah News: कोरोना के ओमिक्रोन वेरियंट को लेकर जहां पूरे देश और प्रदेश में अलर्ट है और अस्पतालों में व्यवस्थाएं को जा रहीं है वहीं उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में एटा मेडिकल कॉलेज में कोरोना बीमारी से लडने के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड से बनाया गया पीएसए ऑक्सीजन प्लांट खराब पड़ा है. पिछले एक सप्ताह से ये प्लांट काम नही कर रहा है जिससे मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस प्लांट को चलवाने के लिए मेडिकल कॉलेज द्वारा भरसक प्रयास करने के बाद भी ये चालू नही हो सका है. ऐसे में यदि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के संभावित खतरे की स्थिति में मरीजो को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
कोरोना से बचाव के लिए लगा था ऑक्सीजन प्लांट
इटावा के इस ऑक्सीजन प्लान्ट कोरोना की लहर से निपटने के लिए पीएम केयर फंड से लगवाया गया था परंतु इसकी मेंटिनेंस और सर्विस सही से न होने प्रवर्तमान में ये ऑक्सिजन केवल शो पीस बनकर रह गया है. इस संबंध में ऑक्सिजन प्लांट के सुपरवाइजर अरविंद सिंह ने बताया कि इसमे एक सेपरेटर होता है उसमें एयर आयल पड़ता है. एयर आयल का लेविल डाउन हो जाने पर इसको नही चलाया जा सकता. जब इसका एयर आयल लेवल पूरा हो जाएगा और कंपनी का इंजीनियर आकर इसको ठीक कर देगा तभी इसको पुनः चलाया जा सकेगा.
5 दिन से नहीं चला प्लांट
उन्होंने कहा कि कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम को लिख दिया गया है और कंपनी ने भी मेल फारवर्ड किया है परंतु वो यहाँ पर शो नही हो रहा है.उन्होंने बताया कि 5 दिन से ये प्लांट नही चलाया जा सका है. इस संबंध में एटा के सीएमएस ने कहा कि उन्होंने ने भी कई मेल कंपनी को किये है लेकिन अभी तक कोई रेस्पॉन्स नही मिला. ऑक्सीजन प्लांट के नोडल अधिकारी डॉ0 एबी सिंह से जब इस बारे में पूँछा गया तो उन्होंने ऑन कैमरा कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. इस ऑक्सीजन प्लांट का एटा के सांसद राजवीर सिंह द्वारा उद्घाटन किया गया था.
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जब प्रदेश और केंद्र की सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए प्रत्येक जनपद में ऑक्सिजन प्लांट लगवाए हैं तो फिर वो बंद क्यों पड़े है,चलने की स्थिति में क्यों नही है? ऐसे में यदि अचानक कोरोना की तीसरी लहर आती है या कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट अपने पैर पसारता है तो ऑक्सिजन की कमी से अनेको मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है.
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