अब सोलह महीने बाद बदल गया है रेलवे स्टेशन का भी नाम, इलाहाबाद से हुआ प्रयागराज
यूपी की योगी सरकार ने कुंभ मेले से ठीक पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। जिले का नाम बदलने के सोलह महीने बाद अब यहां के रेलवे स्टेशनों का नाम भी प्रयागराज करने का एलान किया गया है।

प्रयागराज, एबीपी गंगा। यूपी की योगी सरकार ने कुंभ मेले से ठीक पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। जिले का नाम बदलने के सोलह महीने बाद अब यहां के रेलवे स्टेशनों का नाम भी प्रयागराज करने का एलान किया गया है। इलाहाबाद रेलवे स्टेशन अब प्रयागराज जंक्शन के नाम से जाना जाएगा। स्टेशन को नया कोड भी एलाट हो गया है। स्टेशनों का नाम और कोड बदले जाने पर यहां के रेल यात्रियों ने मिली जुली प्रतिक्रिया जताई है। कुछ ने इस फैसले का स्वागत किया है तो किसी ने एतराज जताया है। वैसे सवाल यह उठता है कि क्या नाम बदल देने भर से मुसाफिरों को अच्छी सुविधाएं मुहैया हो पाएंगी। नाम बदलना ज़्यादा ज़रूरी है या फिर मुसाफिरों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराकर उनके सफर को आरामदायक और सुरक्षित बनाना।
योगी राज में यूपी में शुरू की गई "नाम बदलों" मुहिम लगातार परवान चढ़ती जा रही है। इलाहाबाद समेत कई जिलों और मुग़लसरांय रेलवे स्टेशन नाम बदलने के बाद सरकारी सुई इलाहाबाद वापस लौट आई है। अक्टूबर- 2018 में कुंभ मेले से ठीक पहले इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया था। उस वक्त इस पर खूब सियासत हुई थी। सवाल उठाए गए थे कि नाम बदलने से यहाँ के लोगों को क्या मिलेगा, लेकिन कुंभ के नाम पर बही विकास की गंगा ने सिर्फ शहर की सूरत बदल दी थी, बल्कि आलोचकों को मुंह बंद रखने पर मजबूर कर दिया था। उस वक्त सरकार की तरफ से यह दलील दी गई थी कि नाम बदलने के पीछे का मकसद पौराणिक महत्व के इस धार्मिक शहर को उसका पुराना नाम व गौरव वापस दिलाना है। हालांकि विपक्षी इसे सियासी चश्मे से देखकर सरकार पर निशाना साध रहे थे। नाम बदलने का विवाद आज भी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।
योगी सरकार ने जिले का नाम बदलकर भले ही प्रयागराज कर दिया था, लेकिन केंद्र सरकार के रिकार्ड में यह शहर कल तक इलाहाबाद ही दर्ज था। रेलवे स्टेशन से लेकर हाईकोर्ट और युनिवर्सिटी से लेकर तमाम दूसरे संस्थानों में इलाहाबाद नाम ही चल रहा था। लेकिन सोलह महीने बाद अब यहाँ के चार रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद अब इसका जीओ भी जारी कर दिया गया है। तमाम लोग इस फैसले को सही बता रहे हैं। कुछ का मानना है कि इससे पुराना गौरव पूरी तरह से वापस होगा तो कुछ का कहना है कि इलाहाबाद और प्रयागराज दो नामों का कन्फ्यूजन अब दूर हो जाएगा।
बृहस्पतिवार रात जारी हुए शासनादेश के मुताबिक़ इलाहाबाद रेलवे स्टेशन अब प्रयागराज जंक्शन के नाम से जाना जाएगा। इलाहाबाद के साथ ही शहर के तीन अन्य रेलवे स्टेशनों का भी नाम बदला जा रहा है। इसके तहत इलाहाबाद सिटी को अब प्रयागराज रामबाग, छिंवकी को प्रयागराज छिंवकी और प्रयागघाट रेलवे स्टेशन को प्रयागराज संगम किया जाएगा। इलाहाबाद रेलवे स्टेशन का कोड अब ALD से बदलकर PYRG अगर नाम बदलने के इस फैसले का तमाम लोग स्वागत कर रहे हैं तो कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हे इस पर एतराज है या फिर नाम नाम बदलने पर उनके मन में कुछ सवाल हैं।
वैसे सरकार की इस मंशा को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। सवाल इसलिए भी बेमानी नहीं हैं क्योंकि आज आम मुसाफिर सुरक्षित सफर को लेकर फिक्रमंद रहता है। ट्रेनें लेट होना उसका मुकद्दर बन चुका है तो एक अदद कन्फर्म बर्थ के लिए महीनों पहले से ही ही जूझना उसकी आदत में शुमार हो गया है। अगर नाम बदलने से काम नहीं बदलेगा फिर तो लोग सवाल उठाएंगे है और सरकार को भी जवाब देना होगा कि नाम बदलना ज़्यादा ज़रूरी है या फिर मुसाफिरों के सफर को सुरक्षित व आरामदायक बनाना।
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Source: IOCL





















