मेरठ में व्यापारी से नाक रगड़वाने का विवाद सुलझा, बीजेपी नेताओं ने कराया समझौता
Meerut News: मेरठ में व्यापारी सत्यम रस्तोगी से नाक रगड़वाने के विवाद का बीजेपी नेताओं की पहल पर समझौता हो गया है. इस मामले में पीड़ित और आरोपी पक्षों में सहमति बन गई.

मेरठ में तेजगढ़ चौराहे के पास व्यापारी से नाक रगड़वाने के विवाद में गुरुवार को शांतिपूर्ण तरीके से समझौता हो गया. बीजेपी नेताओं की पहल पर व्यापारी सत्यम रस्तोगी–विकुल चपराना के बीच के विवाद का समझौता हुआ. कैंट विधायक अमित अग्रवाल की पहल पर वैश्य और गुर्जर समाज के नेताओं की मौजूदगी में पीड़ित और आरोपी पक्षों के बीच समझौता हुआ.
मेरठ सर्किट हाउस में सांसद अरुण गोविल, राज्य मंत्री दिनेश खटीक और विधायक अमित अग्रवाल की मौजूदगी में पीड़ित व्यापारी सत्यम रस्तोगी ने हस्ताक्षर कर समझौता स्वीकार किया. जबकि दूसरा पक्ष आरोपी विकुल चपराना जो अभी मेरठ की जेल में हैं. इस समझौते के बाद जल्द ही वो रिहा हो सकता है.
सत्यम रस्तोगी और उसके परिवार ने भविष्य में इस घटना को लेकर कोई भी कार्रवाई कानूनी कार्रवाई के इनकार किया है. उन्होंने शपथ देकर कहा कि उनसे रंगदारी मांगने जैसी घटना नहीं हुई.
इस पूरे विवाद पर विधायक अमित अग्रवाल ने कहा कि घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने इसका राजनीतिक फायदा उठाया और बिहार चुनाव में इसे वैश्य समाज पर हमले के रूप में पेश किया. एक तरफ तेजस्वी यादव ने इसे बिहार वैश्य समाज पर हमला दिखाकर भाजपा पर निशाना साधा तो यूपी में समाजवादी पार्टी गुज्जर समाज को पीडीए से जोड़ रही थी.
व्यापारी से नाक रगड़वाने का मामला
बीजेपी नेता ने कहा कि कहा कि भाजपा ने समय रहते डैमेज कंट्रोल करते हुए विवाद को सुलझा लिया. बता दें कुछ सप्ताह पहले वायरल हुए इस वीडियो में भाजपा से जुड़े विकुल चपराना ने व्यापारी सत्यम रस्तोगी से सरे राह नाक रगड़वाकर माफी मंगवाई थी.
ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद इसे लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे थे. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमला शुरू कर दिया था, जिससे बीजेपी नेतृत्व नाराज था. जिसके बाद बीजेपी नेताओं की पहल पर इसे सुलझाया गया.
Source: IOCL






















