'कहां से आए हो गार्जियन कहां हैं, फोन मिलाओ...', मऊ में SHO ने प्रेमी जोड़ा समझ भाई-बहन को रोका, मचा बवाल
Mau News: सोशल मीडिया पर लोग पुलिस इंस्पेक्टर के इस व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. कुछ ने लिखा ‘मिशन शक्ति’ अब ‘मिशन कंफ्यूजन’ हो गया है लगता.अधिकारियों ने चेतावनी देने की बात कही है.

उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश भर में मिशन शक्ति 5.0 अभियान चला रही है. इस बीच मऊ पुलिस में महिला थाना इंस्पेक्टर मंजू सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें मंदिर में दर्शन को पहुंचे भाई-बहन को ही उन्होंने घेर लिया और सवालों की झड़ी लगा दी. जबकि दोनों ने अपने आपको भाई-बहन बताया, उसके बाद भी वे संतुष्ट नहीं हुईं. अब यह वीडियो वायरल है, जिस पर लोग पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर लोग पुलिस इंस्पेक्टर के इस व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. कुछ ने लिखा ‘मिशन शक्ति’ अब ‘मिशन कंफ्यूजन’ हो गया है लगता. मामला अब उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद इस तरह का व्यवहार ने हो इसके लेकर चेतावनी की बात की है.
क्या है पूरा मामला ?
मऊ जिले में मिशन शक्ति 5.0 निरीक्षण व जागरूकता अभियान के दौरान महिला थाना इंस्पेक्टर ने मंदिर परिसर में मौजूद एक भाई-बहन को रोक लिया. कैमरा ऑन था, आत्मविश्वास हाई था और निष्कर्ष पहले से तैयार. दोनों से वार्ता के दौरान यह फरमान भी सुना दिया गया, “मंदिर में घूमने आओ तो गार्जियन के साथ आया करो.”
बस, फिर क्या था-वीडियो वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर सवालों का मेला लग गया. किसी ने पूछा, “क्या भाई गार्जियन नहीं होता?” तो किसी ने तंज कसा, “अब क्या यूपी में भाई-बहन को भी प्रेमी मान लिया जाएगा?” कुछ यूजर्स ने तो यहां तक लिख दिया कि “मंदिर में भाई के साथ आने पर भी पाबंदी लग गई क्या?”
सोशल मीडिया में कटाक्ष यहीं नहीं रुका. कई लोगों ने रिकॉर्डिंग पर ही सवाल उठा दिए, “जागरूकता के नाम पर लाइव शूट जरूरी था?” तो कुछ ने इसे वायरल होने की चाहत से जोड़ दिया. कुल मिलाकर मिशन शक्ति का संदेश पीछे छूट गया और मिशन कन्फ्यूजन आगे आ गया.
जारी होगी चेतावनी
अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार ने पूरे मामले को संज्ञान में लेकर कहा कि यह बिल्कुल अपराध नहीं है. कई पुलिसकर्मी मोरल ड्यूटी करने लगते हैं. लोगों को अनावश्यक सजेशन देने लगते है, हमारी SHO महिला है. इनको आभास हुआ कि यह भाई बहन नहीं है. पुलिस को भी इस बारे में समझाया जाएगा, अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कोई काम ना करें. उनको मेरे कार्यालय की तरफ से चेतावनी जारी की जाएगी.
बहरहाल अब जनता यही जानना चाहती है कि सुरक्षा के नाम पर शक की सुई इतनी तेज क्यों है, और जागरूकता के अभियान में पहचान की पुष्टि से पहले निष्कर्ष क्यों? क्योंकि अगर भाई भी गार्जियन नहीं, तो फिर मंदिर में ‘गार्जियन प्रमाणपत्र’ साथ लेकर चलना पड़ेगा!
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