लखनऊ में एक लाख रुपये के इनामी लुटेरे वैभव सिंह को STF ने मुठभेड़ में किया गिरफ्तार
वैभव सिंह का आपराधिक इतिहास भी बेहद खतरनाक रहा है. वह पहले ही हरदोई और सीतापुर की जेलों में आठ साल से अधिक समय तक सजा काट चुका है.

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को बड़ी सफलता मिली है. लखनऊ के विकासनगर इलाके में कारोबारी से हुई लूट की वारदात में वांछित एक लाख रुपये के इनामी बदमाश वैभव सिंह को एसटीएफ ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. यह मुठभेड़ थाना पीजीआई क्षेत्र के डलौना क्रॉसिंग अंडरपास के पास हुई. मुठभेड़ में वैभव सिंह के पैर में गोली लगी, जिसे गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है.
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से .30 बोर की पिस्टल, कारतूस, घटना में प्रयुक्त पल्सर बाइक, फर्जी नंबर प्लेट, बैग और नगद रकम भी बरामद की है. STF को कई दिनों से लखनऊ और आस-पास के जिलों में सक्रिय लूट/डकैती गैंग की तलाश थी, जिसमें वैभव सिंह का नाम सामने आया था. जानकारी के मुताबिक, 28 मार्च को लखनऊ के विकासनगर में एक व्यवसायी से बड़ी रकम की लूट हुई थी, जिसमें वैभव सिंह मुख्य आरोपी है.
गिरफ्तारी के पहले इस लूटकांड से जुड़े अन्य आरोपी प्रेम बहादुर सिंह, सोनेन्द्र सिंह, गौरव मिश्रा और सुषील मिश्रा को STF पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. पूछताछ में सामने आया था कि प्रेम बहादुर पहले व्यवसायी के यहां ड्राइवर था और उसने ही अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात की योजना बनाई थी.
वैभव सिंह का आपराधिक इतिहास भी बेहद खतरनाक रहा है. वह पहले ही हरदोई और सीतापुर की जेलों में आठ साल से अधिक समय तक सजा काट चुका है. उस पर लूट, ठगी, सेक्स रैकेट, फर्जीवाड़ा और चोरी जैसे गंभीर आरोप हैं. 2014 में खुद को खाद्य विभाग का अधिकारी बताकर कोटेदारों से वसूली की थी. 2016 में उस पर सीतापुर में सेक्स रैकेट चलाने का केस दर्ज हुआ था. 2020 और 2021 में लूट और चोरी के मामलों में लखनऊ और हरदोई में केस दर्ज हुए थे.
फिलहाल STF ने वैभव के खिलाफ थाना पीजीआई, लखनऊ में FIR दर्ज कराई है और उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस अब गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुट गई है. ये कार्रवाई STF की अपराध नियंत्रण में सक्रियता और कड़े रवैये को दर्शाती है.
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