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गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर रोचक है मुकाबला, हल्के में नहीं है सपा-बसपा का गठजोड़

गौतम बुद्ध नगर में इस बार 2.54 लाख नए मतदाताओं की भूमिका अहम होगी। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक जिले की मतदाता सूची में 2,54,891 नए नाम जोड़े जा चुके हैं।

गौतम बुद्ध नगर: गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट का सियासी पारा इन दिनों चरम पर है। यह सीट बसपा सुप्रीमो मायावती की गृह जनपद है। केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं। 2014 की मोदी लहर में शर्मा ने जोरदार जीत हासिल की थी। इस संसदीय क्षेत्र में गुर्जर, ठाकुर, दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक है।

13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में

गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों को मिलाकर कुल 13 प्रत्याशियों का पर्चा स्वीकार किया गया है। भाजपा से डॉ. महेश शर्मा, कांग्रेश से डॉ. अरविंद सिंह चौहान, सपा-बसपा गठबंधन से सतवीर नागर,निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अशोक कमांडो की क्षेत्र में काफी चर्चा हैं। प्रगतिशील समाजवादी लोहिया पार्टी से जितेंद्र भाटी लोकसभा के उम्मीदवार हैं, जो जातीय समीकरण के लिहाज से गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं महेश शर्मा

गौतमबुद्ध नगर के चुनावी नेताओं की पृष्ठभूमि को देखा जाए तो डॉ महेश शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। उसके बाद उन्होंने अपने छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ भी काम किया। 2006 में महेश शर्मा बीजेपी से जुड़े और 2012 में विधानसभा चुनाव में नोएडा से विधायक भी बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा गौतम बुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी थे, और विजयी होकर केंद्र सरकार में मंत्री बने।

कांग्रेस ने डॉ अरविंद सिंह पर दिखाया भरोसा

कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी डॉ अरविंद सिंह को मैदान में उतारा है जोकि 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर अलीगढ़ से चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 में उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार सतीश गौतम से हार का सामना करना पड़ा था। वही अब 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गौतम बुद्ध नगर से मैदान में हैं। वहीं, गठबंधन प्रत्याशी सतवीर नागर पिछले एक दशक से सक्रिय राजनीति में हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाएंगे।

जानें- क्या है सीट का इतिहास

स्वतंत्र सीट बनने पर 2009 में पहली बार गौतम बुद्ध नगर सीट पर संसदीय चुनाव हुआ था। जिसमें बसपा के सुरेंद्र सिंह नागर को जीत मिली थी। 1952 में हुए देश के पहले संसदीय चुनाव के वक्त गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट अस्तित्व में नहीं थी। तब यह क्षेत्र बुलंदशहर लोकसभा सीट का हिस्सा था।

कभी चलता था कांग्रेस का सिक्का

1962 में तीसरे लोकसभा चुनाव के दौरान खुर्जा लोकसभा सीट का गठन किया गया और इसे खुर्जा में शामिल कर दिया गया। उन दिनों देश भर में कांग्रेस का सिक्का चल रहा था। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित खुर्जा सीट पर 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस की लहर में उसके प्रत्याशी कन्हैया लाल बाल्मीकी को भारी मतों से जीत मिली थी। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और जनसंघ समेत अन्य प्रमुख दलों को भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।

बसपा को मिली थी सफलता

2009 में गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट का गठन किया गया। इसे सामान्य सीट कर दिया गया। परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद और खुर्जा विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया। 2009 के संसदीय चुनाव में मायावती ने सुरेंद्र सिंह नागर को प्रत्याशी बनाया था। स्वतंत्र लोकसभा सीट बनने के बाद यहां पहली बार हुए संसदीय चुनाव में जनता ने बसपा उम्मीदवार पर भरोसा जताया था।

2014 में गौतम बुद्ध नगर से खिला था कमल

2009 के लोकसभा चुनाव में करारी हार से सबक लेते हुए बीजेपी ने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी। जिसका नतीजा भी उसके लिए खुशी लेकर आया। 2014 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी महेश शर्मा ने भारी मतों से जीत हासिल की। वहीं, सपा पिछली हार का अंतर कम करते हुए तीसरे स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंची। इस चुनाव में बसपा ने अपने तात्कालीन सांसद सुरेंद्र सिंह नागर का टिकट काट दिया था और सतीश कुमार को उम्मीदवार बनाया था। इस बदलाव का खामियाजा बसपा को भुगतना भी पड़ा था।

बोलो- कितने मतदाता

गौतम बुद्ध नगर के लगभग 23 लाख वोटरों में करीब 16 लाख वोटर गांव में रहते हैं। इनमें ठाकुर वोटर 4 से 4.5 लाख के करीब हैं। ब्राह्मण वोटरों की तादाद करीब 4 लाख है। मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर 3.5 से 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं।

2.54 लाख नए मतदाता देंगे वोट

गौतम बुद्ध नगर में इस बार 2.54 लाख नए मतदाताओं की भूमिका अहम होगी। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक जिले की मतदाता सूची में 2,54,891 नए नाम जोड़े जा चुके हैं। भाजपा व सपा-बसपा गठबंधन में यदि कड़ा मुकाबला होता है तो फिर नए मतदाता निर्णायक भूमिका में रहेंगे। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि नए मतदाता ज्यादातर शहरी क्षेत्र से हैं। जिनका रुझान आमतौर पर बीजेपी और कांग्रेस की तरफ रहता है।

84 फीसद हैं हिंदू मतदाता

गौतम बुद्ध नगर की 84 फीसद आबादी हिंदू और 13 फीसद जनसंख्या मुस्लिम है। 11 अप्रैल को गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट के लिए 22 लाख 41 हजार मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे।

ये विधानसभा क्षेत्र शामिल

गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली पांचों विधानसभाओं नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा व सिकंदराबाद में कुल पुरुष मतदाताओं की संख्या 12,32531 और महिला मतदाताओं की संख्या 1008475 है। वहीं, अन्य की श्रेणी में भी 228 मतदाता शामिल हैं।

कौन लहराएगा परचम

2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 19, 86,109 मतदाताओं ने हिस्सा लिया था, जिसमें 11 लाख पुरुष व 8 लाख महिला मतदाता शामिल थीं। गौर करने वाली बात यह है कि 2014 में यहां 60 फीसद मतदान ही हुआ था। इसमें भारतीय जनता पार्टी के डॉ. महेश शर्मा ने 599,702 (50 फीसदी) मत प्राप्त कर विजय पताका लहराई थी। वहीं समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को कुल 319,490 मत प्राप्त हुए थे। वहीं, बहुजन समाज पार्टी के सतीश कुमार 198,237 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार भी गठबंधन और भाजपा में कड़ा मुकाबला होते हुए नजर आ रहा है।

 
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