Hathras Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है हाथरस की जनता, जानें क्या है इस सीट का समीकरण
Hathras Lok Sabha Chunav 2024: हाथरस लोकसभा सीट में वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. उनमें से 8,54,512 पुरुष वोटर हैं और महिला मतदाताओं की संख्या 10,09,746 हैं.
Lok Sabha Election 2024: चुटकुले और कविताओं से सबको ठहाके लगाने पर मजबूर करने वाले काका हाथरसी की जन्मभूमि व कर्मभूमि हाथरस अब राजनीति में अलग ही गर्माहट पैदा करती नजर आ रही है. कहने को तो हाथरस में मसाले भी बनते हैं लेकिन हाथरस की हींग पूरे भारत में प्रसिद्ध है. भारत के साथ-साथ हाथरस से हींग विदेशों में भी जाती है. हाथरस की हींग की सुगंध विदेशों में बैठे राष्ट्रपति से लेकर किंग सऊदी भी इसका स्वाद चख चुके हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट हाथरस पर जाट वोटरों का खासा प्रभाव रहा है. पिछले करीब दो दशक से यहां पर भारतीय जनता पार्टी का वर्चस्व रहा है, साल 2019 में भी बीजेपी को यहां कमल खिलाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी.
हाथरस सीट पर मुस्लिम-जाट का समीकरण रहता है हावी
हाथरस लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी. उसके बाद 1967, 1971 में भी यहां कांग्रेस का परचम लहराया. फिर साल 1977 में चली सत्ता विरोधी लहर में भारतीय लोकदल ने यहां जीत दर्ज की, जबकि 1984 में कांग्रेस ने वापसी की. साल 1989 में हुऐ चुनाव में ये सीट जनता दल के खाते में चली गई. फिर साल 1991 के बाद से ही ये सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है. साल 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में यहां भारतीय जनता पार्टी ने एकतरफा जीत दर्ज की. इस दौरान बीजेपी के किशन लाल दिलेर 1996 से 2004 तक सांसद रहे.
फिर साल 2009 में यहां राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. हालांकि तब रालोद-बीजेपी का गठबंधन था. वहीं 2014 में तो बीजेपी के राजेश कुमार दिवाकर ने यहां से प्रचंड जीत दर्ज की. जिसके बाद यहां किशन लाल दिलेर के पुत्र राजवीर दिलेर को बीजेपी के द्वारा मौका दिया गया तो बीजेपी ने यहां भारी बहुमतों से जीत का परचम लहराया और राजवीर दिलेर यहां से सांसद बने.
हाथरस लोकसभा सीट का समीकरण
हाथरस लोकसभा सीट में वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. उनमें से 8,54,512 पुरुष वोटर हैं और महिला मतदाताओं की संख्या 10,09,746 हैं. थर्ड जेंडर के मतदाता 62 हैं. वहीं साल 2019 में कुल वोटरों की संख्या 11,50,294 थी. जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 6,21,305 और महिला मतदाता 5,22,728 थीं. साल 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 61.70% था और बीजेपी के राजवीर दिलेर ने यहां 6,84,299 वोटों से जीत हासिल की थी.
हाथरस सीट बसपा का भी है खास वोट
बीते कई चुनावों में बसपा को यहां पर लगातार लाखों वोट मिले हैं, इसलिए बसपा को इस सीट पर कमतर नहीं आंका जा सकता है. हाथरस लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें छर्रा, इगलास, हाथरस, सादाबाद और सिकंदरा राऊ सीट शामिल हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां सिर्फ सादाबाद में बसपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि बाकी अन्य सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.
पिछले दो लोकसभा चुनावों का ये है आंकड़ा
हाथरस लोकसभा सीट से मौजूदा बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर ने पिछले चुनाव में 684299 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी है. दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन 424091 लाख वोट पाकर रहे. कांग्रेस के त्रिलोकी राम 23926 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. बात अगर साल 2014 के चुनाव की की जाए तो हाथरस लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजेश कुमार दिवाकर का निर्वाचन हुआ. इस चुनाव में उन्हें 544277 वोट मिले, उन्होंने बसपा के मनोज कुमार सोनी को 326386 वोटों से हराया था.
बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर को मिली टिकट को मिलेगा सिंपेथी वोट
कार्यकर्ता और आम जनता को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहने वाले जनता के बीच सीधे संवाद करने वाले लोकसभा हाथरस के सांसद राजवीर दिलेर मौजूदा सांसद होने के साथ इगलास विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. इनके पिता भी बीजेपी में कई बार सांसद रहे. साल 1996 में आरक्षित हुई लोकसभा हाथरस में चार बार किशनलाल दिलेर के द्वारा बीजेपी का परचम लहराया था. वहीं पिता की राह पर चलने वाला बेटा भी किसी से कम नहीं है. विधायक के बाद लोकसभा हाथरस की सांसदी का ताज बेटे के द्वारा पहना गया. मौजूदा समय मे हाथरस लोकसभा की टिकट होल्ड कर दी गई है लेकिन सांसद राजवीर दिलेर की टिकट वापसी से इस सीट पर बीजेपी अपना वर्चस्व बनाने के साथ बड़ा कीर्तिमान भी स्थापित कर सकती है. इसकी वजह है कि लोकसभा चुनाव में रालोद और बीजेपी का गठबंधन होने के चलते रालोद का वोटर सीधे बीजेपी को ट्रांसफर होगा, जिससे बीजेपी आसानी से जीत दर्ज कर सकती है.