(Source: ECI / CVoter)
Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ घाटी में लगेंगे 7 कैमरे, हेलीकॉप्टर को दुर्घटना से बचाने के लिए लिया गया फैसला
Kedarnath Dham: सीईओ यूकाडा सी रविशंकर का कहना है कि केदारनाथ घाटी में दुर्घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि घाटी में मौसम की जानकारी मिल सके.
Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के लिए उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर की मॉनिटरिंग कैमरों से की जाएगी. यूकाडा ने यह फैसला लिया है. इसके लिए केदारनाथ घाटी में 7 कैमरे लगाने का फैसला लिया गया है. इन कैमरों के जरिए कंपनियों को घाटी में मौसम की जानकारी मिल सकेगी. जिससे यह पता लग सकेगा कि केदारनाथ घाटी में हेलीकॉप्टर उड़ान भर सकेगा या नहीं.
दरअसल, केदारनाथ धाम में जिस घाटी से होकर हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हैं वहां मौसम बदलता रहता है. घाटी में बादल इतने घने हो जाते हैं कि हेलीकॉप्टर को कई बार सिग्नल नहीं मिल पाते, जिस वजह से दुर्घटना का कारण बन जाता है. पिछले साल अक्टूबर महीने में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हुआ तब और इससे पहले भी केदारनाथ घाटी में कई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, लेकिन इस बार यूकाडा ने फैसला लिया है कि केदारनाथ धाम में जिस घाटी में हेलीकॉप्टर उड़ते हैं वहां 7 कैमरे लगाए जाएंगे. जिससे हेलीकॉप्टर कंपनियों और पायलट को घाटी की वेदर जानकारी मिल सके और ये पता लग से कि वहां बादल किस स्थिति में है, हेलीकॉप्टर उड़ने की स्थिति में है या नहीं.
UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव के लिए सपा ने अपनों को किया किनारे, 'यादव' वाले मिथक को भी तोड़ा
डीएम कार्यालय से भी मॉनिटरिंग होगी
सीईओ यूकाडा सी रविशंकर का कहना है कि केदारनाथ घाटी में दुर्घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि घाटी में मौसम की जानकारी मिल सके. हालांकि उनका यह भी कहना कि कैमरों के जरिए बहुत ज्यादा मॉनिटरिंग नहीं हो सकती, लेकिन कोशिश यह की जा रही है की हेलीकॉप्टर उड़ने से पहले पायलट को घाटी की सही जानकारी दी जा सके. इसी को लेकर जो 7 कैमरे लगाए जाएंगे उनकी डीएम कार्यालय से भी मॉनिटरिंग होगी और हेलीपैड पर भी उनकी मॉनिटरिंग की जाएगी. आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के लिए सिरसी, गुप्तकाशी और फाटा से हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हैं.