केदारनाथ 2013 की आपदा का जख्म अब भी हरा, 702 मृतकों की पहचान नहीं, DNA रिपोर्ट फांक रहीं धूल
Kedarnath disaster: आपदा में लापता हुए अपनों की पहचान के लिए 6000 से अधिक लोगों ने अपने डीएनए नमूने लैब को दिए थे. इनमें से भी इन 702 लोगों की पहचान नहीं हो पाई. आज भी कंकाल और अवशेष मिलते रहते हैं.

Kedarnath disaster 2013: केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों की पहचान 12 साल बाद भी रहस्य बनी हुई है, लेकिन, बड़ा रहस्य उन 702 लोगों की पहचान का है, जिनके डीएनए नमूनों की रिपोर्ट पुलिस के पास है. आपदा में लापता हुए अपनों की पहचान के लिए 6000 से अधिक लोगों ने अपने डीएनए नमूने लैब को दिए थे. इनमें से भी इन 702 लोगों की पहचान नहीं हो पाई. ऐसे में अब इन डीएनए नमूनों का अपनों के लिए इंतजार बढ़ता जा रहा है.
बता दें कि भारत में सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक 2013 केदारनाथ आपदा में देश के हजारों परिवारों ने अपनों को खोया था. त्रासदी इतनी भयानक थी कि लाशें बिछी पड़ी थीं.
अभी भी मिलते हैं कंकाल
उस वक्त राहत बचाव के कार्य में पुलिस ने कई हजार लोगों को बचाया भी था, लेकिन केदार घाटी और आसपास के इलाकों में वर्षों तक शव और शवों के हिस्से पुलिस को मिलते रहे. सैकड़ों शवों और कंकालों का पुलिस ने ही अंतिम संस्कार कराया था. कई वर्षों तक सर्च ऑपरेशन चलता रहा और आज भी कहीं-कहीं कंकाल और अवशेष मिलते रहते हैं.
वहीं इस त्रासदी में मारे गए लोगों की पहचान के लिए पुलिस ने 735 शवों, शवों के हिस्सों और कंकालों के डीएनए नमूने लेकर उन्हें बैंगलुरू लैब भिजवाया. इसके साथ ही जिन लोगों के अपने इस त्रासदी में लापता थे उनसे भी डीएनए सैंपल लैब में देने को कहा. ऐसे में छह हजार से अधिक लोगों ने डीएनए नमूने लैब में जाकर दिए. मगर, 735 डीएनए नमूनों में से केवल 33 नमूनों की ही अपनों से पहचान हो सकी.
इसके बाद वह पुलिस से मिले पत्र और अस्थियों या शरीर पर मिले कुछ जेवरात व कपड़ों को लेकर गए. मगर 702 नमूने 12 साल बाद भी अपनों का इंतजार कर रहे हैं.
यहां बता दें कि 15 और 16 जून 2013 की रात में केदारनाथ आपदा आई थी. जिसमें हजारों लोग मारे गए थे. अगर केवल सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 4400 लोग इस आपदा में मारे गए या लापता हो गए थे, वहीं 991 स्थानीय लोग अलग अलग स्थानों पर मारे गए. इसके अलावा 55 नरकंकाल सर्च ऑपरेशन में मिले थे. जबकि इस आपदा में 11 हजार से अधिक जानवर भी मारे गए थे.
30 हजार से अधिक को बचाया गया था
इसके अलावा 30 हजार से अधिक लोगों को पुलिस ने बचाया उस आपदा के बचाया था,इसके साथ 90 हजार से अधिक लोगों को सेना व अर्द्धसैनिक बलों ने बचाया था.
इस बारे में एडीजी अमित सिन्हा, निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने एबीपी को बताया कि हमारी सरकार ने आपदा में मारे गए लोगों को डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिए थे. इस लिए अधिकांश लोग डीएनए मिलान के लिए नहीं आ पाए, लेकिन फिर भी हमारे पास सभी के सैम्पल सिम्पल मौजूद हैं ,और कभी भी कोई अगर अपना सैम्पल देने आएगा तो उसे आगे भेज दिया जाएगा. मिलान के लिए उस वक्त कई वर्षों तक लगभग 735 लोगों के डीएनए सैंपल लिए गए थे. इनमें से 33 लोगों के सैंपल उनके परिवारों से मिलान हो सका है.सभी डीएनए सैंपलों को जांच के लिए बैंगलुरू लैब भेजा गया था.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















