जयपुर बम ब्लास्ट केस में 4 आतंकियों को उम्रकैद की सजा, यूपी के रहने वाले हैं सभी दोषी
Jaipur Bomb Blast Case: यह मामला 13 मई 2008 को हुए जयपुर के सीरियल बम धमाकों से जुड़ा है. उस दिन जयपुर के भीड़भाड़ वाले इलाके, जैसे कि जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट और चांदपोल में करीब 9 धमाके हुए थे.

UP News: राजस्थान के जयपुर में 2008 में हुए सीरियल बम धमाकों के एक अहम मामले में आखिरकार 17 साल बाद अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. जयपुर की विशेष अदालत ने इस मामले में शामिल चार आतंकियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है. दोषियों में तीन आरोपी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से हैं, जबकि एक आरोपी भदोही का रहने वाला है.
विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने शुक्रवार 4 अप्रैल को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. चारों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121-ए, 124-ए, 153-ए, 307, यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18, और विस्फोटक अधिनियम 1908 की धारा 4 व 5 के तहत मामला दर्ज था.
दोषियों में मोहम्मद सरवर आजमी (चांदपट्टी, थाना रौनापार, आजमगढ़), सैफुर्रहमान (बदरका, नगर कोतवाली, आजमगढ़), मोहम्मद सैफ (संजरपुर, थाना सरायमीर, आजमगढ़) और शाहबाज आलम (भदोही) शामिल हैं. चारों को दोषी पाए जाने के बाद विशेष अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
करीब 9 धमाकों में 70 से अधिक लोगों की हुई थी मौत
यह मामला 13 मई 2008 को हुए जयपुर के सीरियल बम धमाकों से जुड़ा है. उस दिन जयपुर के भीड़भाड़ वाले इलाके, जैसे कि जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट और चांदपोल, में करीब 9 धमाके हुए थे, जिनमें 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 170 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. धमाकों के कुछ ही समय बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम भी बरामद हुआ था, जिससे इस मामले में जांच को और गंभीरता से आगे बढ़ाया गया.
इस घटना के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें पूर्वांचल के जिलों खासकर आजमगढ़ पर टिकी रहीं. कई बार इस जिले को आतंकवाद के संदिग्ध गढ़ के रूप में भी देखा गया. हालांकि, समय-समय पर यहां के लोगों ने यह भी कहा कि पूरे जिले को बदनाम करना उचित नहीं है.
17 साल तक लगातार सुनवाई के बाद दोषियों को मिली सजा
विशेष अदालत के इस फैसले को देश की न्याय व्यवस्था की बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इतने संवेदनशील मामले में 17 साल तक लगातार सुनवाई के बाद दोषियों को सजा मिली है. अदालत के इस निर्णय से पीड़ित परिवारों को काफी हद तक न्याय मिला है. जयपुर बम धमाका भारत में हुए अब तक के सबसे खतरनाक आतंकी हमलों में से एक था. अब इस पर आए फैसले से यह भी संदेश गया है कि देश की अदालतें देर से ही सही, लेकिन न्याय जरूर करती हैं.
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