UP News: 'कृष्ण भेदभाव नहीं सिखाते', मंदिरों में मुसलमानों की एंट्री बैन पर क्या बोले मथुर-वृंदावन के पुजारी?
UP News: भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र भूमि मथुरा और वृंदावन में कई प्रमुख मंदिरों ने मुसलमानों का मंदिर में प्रवेश रोकने या उनसे खरीदारी बंद करने का आह्वान किया जा रहा था.

Muslims in Mathura Vrindavan: उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र भूमि मथुरा और वृंदावन में कई प्रमुख मंदिरों ने मुसलमानों का बहिष्कार करने के बढ़ रहे आह्वान को दरकिनार किया है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के जरिये मुसलमानों का मंदिर में प्रवेश रोकने या उनसे खरीदारी बंद करने का आह्वान किया जा रहा था.
'बांके बिहारी हमें भेदभाव नहीं सिखाते'
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के राजभोग सेवा अधिकारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने कहा, “बृजमंडल में भक्ति सर्वोपरि है. यह ज्ञान और यहां तक कि वैराग्य से भी ऊपर है. यदि किसी की आस्था है और वह दर्शन के लिए आता है तो हमें क्यों उसका विरोध करना चाहिए. यह श्रीमद्भागवत के प्रथम स्कंद में स्पष्ट लिखा है.
ऐतिहासिक उदाहरणों को गिनाते हुए गोस्वामी ने कहा, “बांके बिहारी हमें भेदभाव नहीं सिखाते. अकबर स्वामी हरिदास से मिलने आए और देवता के लिए इत्र भेंट की जिसे स्वामी जी ने स्वीकार किया.”
'मंदिरों के लिए काम करते हैं मुसलमान'
गोस्वामी ने मंदिर की परंपराओं में मुसलमानों की आंतरिक भूमिका का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “वे वाद्य यंत्र बजाते हैं और ठाकुर जी के लिए भजन गाते हैं. मुकुट तैयार करने और कढ़ाई का ज्यादातर काम उनके द्वारा किया जाता है. बांके बिहारी के वस्त्र पूरे भारत के कारीगरों द्वारा तैयार किए जाते हैं.”
वहीं, वृंदावन में राधाबल्लभ मंदिर के मोहित मरल गोस्वामी ने अलग विचार व्यक्त करते हुए कहा, “ मुसलमानों को राधाबल्लभ मंदिर में आने की अनुमति नहीं है. हमें उनसे खरीदारी से बचना चाहिए.” जबकि गोवर्धन के डांगहाटी मंदिर के पुजारी लाला पंडित ने कहा, “जब भगवान ने रसखान और रहीम को भजन तैयार करने से नहीं रोका तो हम किसी को आराधना करने से रोकने वाले कौन होते हैं. भगवान श्रीकृष्ण, प्रेम के देवता हैं और उनकी भूमि पर घृणा के लिए कोई स्थान नहीं है.”
'स्थानीय मुस्लिम समुदाय बहुत सहयोगात्मक'
मथुरा में काली मंदिर के महंत दिनेश चतुर्वेदी ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा, “कैसे कोई एक श्रद्धालु को मंदिर में जाने से रोक सकता है. मंदिर सार्वजनिक स्थान हैं. अच्छे और बुरे लोग हर धर्म में होते हैं.” बलदेव में दाऊजी मंदिर के पुजारी गोविंद पांडेय को मुस्लिमों से खरीदारी में कोई दिक्कत नजर नहीं आती. उन्होंने कहा, “यह मंदिर दर्शन के अभिलाषी हर किसी का स्वागत करता है. स्थानीय मुस्लिम समुदाय बहुत सहयोगात्मक है.”
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