हरिद्वार: रामकृष्ण मिशन अस्पताल में बवाल, एंबुलेंस को घुसने से रोका, शव को गोद में उठाते दिखे परिजन
Haridwar News: हरिद्वार के रामकृष्ण मिशन अस्पताल में एंबुलेंस नहीं घुसने देने के मामले में डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं वहीं अस्पताल ने इन आरोपों से इनकार किया है.

उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल में मृतका के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस को अंदर नहीं आने दिया गया, जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया. डीएम ने इस मामले की स्वास्थ्य विभाग को जांच करने के आदेश दिए हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन एक अलग ही दावा कर रहा है जिससे नया एंगल सामने आया है.
दरअसल ये मामला बुधवार का बताया जा रहा है जब रामकृष्ण मिशन अस्पताल में एक नाबालिग लड़की को लाया गया था. लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिजनों ने उसके शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई.
एंबुलेंस को अस्पताल में घुसने नहीं देने का आरोप
आरोप है कि अस्पताल के गार्ड ने एंबुलेंस को अंदर नहीं घुसने दिया, जिसके एंबुलेंस वाला बाहर से ही वापस चला गया. इस घटना को लेकर मृतका के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और बात डीएम मयूर दीक्षित तक पहुंच गई.
हंगामे के बाद डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि जिस भी अस्पताल में लापरवाही या नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा. डीएम ने चेतावनी दी कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अस्पताल प्रशासन ने किया अलग दावा
रामकृष्ण मिशन अस्पताल की ओर से इस मामले पर सफाई आई है. अस्पताल के सचिव स्वामी दया मूर्त्यानंद महाराज ने कहा कि अमित धीमान नाम का जो शख्स एंबुलेंस को कंपाउंड में घुसने ना देने की बात कर रहा है वो ग़लत है. जब तक मृतका के परिजन शव लाए उससे पहले ही एंबुलेंस वाला चला गया था.
उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मिशन अस्पताल को बदनाम करने के लिए ये आरोप लगाया जा रहा है. इस अमित धीमान ने कुछ साल पहले अस्पताल के डॉक्टर से भई मारपीट की थी. डॉक्टर जिस मरीज को हायर सेंटर भेजते ये उसे अन्य निजी अस्पताल में ले जाता था. जिससे मरीजों को आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी नुकसान होता था. अमित धीमान की इन्हीं हरकतों की वजह से उसे यहां से निकाला गया था और उसकी एंट्री पर रोक लगाई गई थी.
अस्पताल प्रशासन द्वारा सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई गई जिसमें दावा किया गया कि एंबुलेंस चालक शव आने से पहले ही बाहर चला गया ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है जो मिशन को बदनाम कर रहे हैं.
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