बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का आरोप, महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश बोले- 'ये प्लानिंग से...'
Haridwar News: स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने सवाल उठाया कि जब पूरे देश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा, लूटपाट और उत्पीड़न की खबरें आ रही हैं, तब मानवाधिकार की दुहाई देने वाले संगठन चुप क्यों हैं.

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार से कड़ा और तीखा बयान सामने आया है. महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने बांग्लादेश की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया, “वहां सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है.” उन्होंने कहा कि यह केवल हालिया घटनाओं तक सीमित मामला नहीं है, बल्कि वर्षों से हिंदू समाज को डर, हिंसा और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर किया जा रहा है.
महामंडलेश्वर ने भारत-पाक विभाजन का उल्लेख करते हुए कहा कि विभाजन के बाद पहले पाकिस्तान और फिर बांग्लादेश में लाखों हिंदुओं की हत्या की गई, उनकी संपत्तियां छीन ली गईं और उन्हें अपने ही घरों से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा. उनका आरोप है कि आज भी बांग्लादेश में हिंदुओं की दुकानों, मकानों और जमीनों पर कब्जे की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और वैश्विक संस्थाएं आंखें मूंदे हुए हैं.
मानवाधिकार संगठनों पर उठाए सवाल
स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने सवाल उठाया कि जब पूरे देश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा, लूटपाट और उत्पीड़न की खबरें आ रही हैं, तब मानवाधिकार की दुहाई देने वाले संगठन चुप क्यों हैं. उन्होंने कहा कि यह चुप्पी अपने आप में कई सवाल खड़े करती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. महामंडलेश्वर ने यह भी दावा किया कि हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि वहां की प्रधानमंत्री को भी अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ना पड़ा, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है.
वैश्विक साजिश की संभावना जताई
अपने बयान में उन्होंने इसे केवल धार्मिक मुद्दा मानने से इनकार करते हुए कहा कि यह एक व्यापक वैश्विक साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को कमजोर करना है. उन्होंने हिंदू समाज से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि समाज संगठित होकर अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए आवाज उठाए.
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने भारत सरकार से भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की मांग की. उन्होंने कहा कि भारत को न केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को उठाना चाहिए, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों और देश के भीतर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भी ठोस रणनीति बनानी चाहिए. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल का उल्लेख करते हुए वहां लगातार सामने आ रही घटनाओं पर चिंता जताई और राज्य सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए.
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