ग्रेटर नोएडा में टूटा अपने घर का सपना! 1,325 करोड़ रुपये घोटाले में फंसा प्रोजेक्ट, यीडा की जांच जारी
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सूत्रों ने ग्रेटर नोएडा में एक प्रोजेक्ट के कथित घोटाले में फंसने का दावा किया है. दावा है कि इस मामले में शिकायत की गई है.

उत्तर प्रदेश स्थित गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में घर का सपना देखने वाले परिवारों को झटका लगा है, वर्ष 2011 में शुरु किया गया सनवर्ल्ड सिटी प्रोजेक्ट कथित जमीन घोटाले में फंस चुका है. यह जानकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सूत्रों ने दी. सेक्टर 22 डी में 100 एकड़ पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट के संदर्भ में दावा किया गया है कि इसके खिलाफ औपचारिक शिकायत हुई है. 35 एकड़ पर कुछ कानूनी विवाद के चलते 100 एकड़ में से 65 एकड़ कंपनी को आवंटित भी कर दी गई थी.
सूत्रों के अनुसार शिकायत में दिनेश गोयल पर जालसाजी, धोखाधड़ी, षडयंत्र और सरकारी आवंटित भूमि में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप लगाया गया है. दावा है कि प्रोजेक्ट की तकनीकी बाध्यताओं को दूर करने के लिए ओडियन बिल्डर्स को कागजों पर साझेदार बना लिया गया. वर्ष 2014 में कंपनी इस प्रोजेक्ट से बाहर हो गई. इसके बाद भी गोयल ने इस प्रोजेक्ट पर अपना नियंत्रण चाहा. इस मामले में पूर्व निदेशक और शिकायतकर्ता सौरव गुप्ता ने कहा कि दबाव बनाकर उनकी हिस्सेदारी भी हड़प ली गई. गुप्ता ने दावा किया कि फर्जी दस्तावेज बनाकर कोर्ट्स को भी गुमराह किया गया.
अधूरी मंजूरी के बावजूद भी लोगों को घर बेचना शुरू कर दिया
गुप्ता का दावा है कि अधूरी मंजूरी के बावजूद भी लोगों को घर का सपना बेचना शुरू कर दिया गया. वर्ष 2013 में प्रोजेक्ट का काम ठप हो गया. साल 2019 में गोयल ने खरीदारों को पैसे वापस करने के नाम पर पट्टे पर दी गई 65 एकड़ जमीन यीडा को सौंप दी. गुप्ता ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि बिना किसी भुगतान के उन्हें अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. फर्जी दस्तावेज बनाए गए और अदालत को गुमराह किया गया. उन्होंने कहा कि एनसीएलटी के समक्ष नकली पॉवर ऑफ अटॉर्नी भी पेश की गई.
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पुरानी दर पर 35 एकड़ जमीन दिलाने का किया था वादा!
गुप्ता की शिकायत के संदर्भ में सूत्रों ने सबसे बड़ा दावा ये किया है कि गोयल ने काउंटी ग्रुप कंपनी के साथ 100 एकड़ जमीन पर 13सौ 25 करोड़ रुपये का सौदा किया था. इस 65 एकड़ जमीन की कीमत वर्ष 2011 में सिर्फ 200 करोड़ आंकी गई थी. उन्होंने काउंटी ग्रुप से यह वादा भी किया था कि बाकी की 35 एकड़ जमीन वो यीडा के मौजूदा 52 हजार 750 रुपये प्रति वर्ग मीटर की जगह 4700 प्रति वर्ग मीटर की दर पर दिला देंगे.
इस शिकायत को लेकर यीडा के सूत्रों ने दावा किया है कि मामले की जांच जारी है. गुप्ता की शिकायत में मांग की गई है कि गोयल समेत अन्य आरोपित संस्थानों- सॉल्यूट्रियन बिल्डटेक एलएलपी, कंसोलिडेटेड कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को यीडा के साथ भविष्य के लेन देन के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाए.
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Source: IOCL





















