Greater Noida: चिल्ला एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट पर मंडराया संकट, नोएडा प्राधिकरण और UPSBCL में गहराया विवाद
UP : दिल्ली और ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए बनाया जा रहा चिल्ला एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट एक बार फिर संकट में घिर गया है. 100 करोड़ भुगतान नहीं होने पर काम रोकने की चेतावनी दी गई.

दिल्ली और ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए बनाया जा रहा चिल्ला एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट एक बार फिर संकट में घिर गया है. उत्तर प्रदेश स्टेट ब्रिज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPSBCL) ने चेतावनी दी है कि यदि करीब 100 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान का निपटारा जल्द नहीं हुआ, तो निर्माण कार्य रोकना पड़ सकता है.
विवाद की जड़ पाइलिंग कार्य में इस्तेमाल स्टील की गुणवत्ता है. नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि इसमें गैर-स्वीकृत ग्रेड का स्टील इस्तेमाल किया गया है, जबकि UPSBCL का दावा है कि उपयोग किया गया स्टील NHAI, BIS, IRC और MoRTH के सभी मानकों पर खरा उतरता है.
भुगतान नहीं होने पर अटक सकता है काम
भुगतान को लेकर खींचतान भी तेज हो गई है. कॉर्पोरेशन ने 6 अगस्त को 34 करोड़ और 10 जुलाई को 57 करोड़ रुपये के बिल जमा किए, लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिली. साथ ही, 2021-22 के एस्केलेशन क्लेम भी लंबित हैं. मुख्य महाप्रबंधक संदीप गुप्ता ने कहा की पिछले महीने 65 करोड़ और हाल ही में 35 करोड़ रुपये के बिल स्वीकृत नहीं हुए. समय पर भुगतान न मिलने से परियोजना की रफ्तार थम सकती है और निर्माण स्थगित करना पड़ेगा.
वहीं दूसरी ओर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक ए.के. अरोड़ा का कहना है, सभी बिलों का भुगतान हो चुका है. काम रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है. इस सप्ताह UPSBCL अधिकारियों से बैठक कर चर्चा की गई है और किसी भी मुद्दे का समाधान किया जाएगा.
बिल जारी होने के 10 दिन के भीतर 90% भुगतान जरूरी
ग़ौरतलब है कि UPSBCL के अनुसार EPC अनुबंध की शर्तों के मुताबिक बिल जारी होने के 10 दिन के भीतर 90% भुगतान होना चाहिए. भुगतान में लगातार देरी से न केवल नकदी प्रवाह प्रभावित हो रहा है बल्कि प्रोजेक्ट की गति भी धीमी हो रही है. इसके अलावा, 2021 और 2022 में किए गए कार्य के 7 करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान की मंजूरी भी अब तक लंबित है.
मार्च 2025 में दोबारा शुरू हुआ था काम
गौरतलब है कि यह 5.6 किमी लंबा, छह लेन का फ्लाईओवर 2012 में प्रस्तावित हुआ था, लेकिन कई अड़चनों के बाद मार्च 2025 में 893 करोड़ रुपये की संशोधित लागत के साथ कार्य पुनः शुरू हुआ. परियोजना पूरी होने पर दिल्ली-नोएडा लिंक रोड का ट्रैफिक दबाव कम होगा और ग्रेटर नोएडा, कालिंदी कुंज तथा फरीदाबाद के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होगा.
Source: IOCL






















